सांकेतिक फोटो
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पटनाः उत्तर बिहार के लिए अभिषाप बना चमकी बुखार ने ने हर साल की तरह इस साल भी अपना रगं दिखाना शुरु कर दिया है। बच्चों के लिए काल बना चमकी बुखार रोजाना अपना दायरा बढ़ा रहा है। उमस वाली गर्मी बढ़ने के साथ ही चमकी बुखार के केस में भी लगातार इजाफा हो रहा है। 26 फरवरी को चमकी बुखार का पहला केस मुजफ्फरपुर के मेडिकल कॉलेज (SKMCH) में दाखिल हुआ तबसे लेकर अब तक 29 केस सामने आ चुके हैं। हालांकि सुखद बात है कि सभी बच्चे ठीक होकर अपने-अपने घर भी जा चुके हैं, लेकिन जितनी उमस वाली गर्मी लगातार पड़ रही है इससे यह इनकार नहीं किया जा सकता है कि अभी भी चमकी बुखार पर लगाम पूरी तरह से लग गया हो बल्कि दिन प्रतिदिन आंकड़ों में इजाफा हो रहा है।

चमकी बुखार को लेकर जागरुकता अभियान

चमकी बुखार को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है। जिसका असर भी दिखा है बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष अब तक संख्या काफी ठीक-ठाक है और सुधार की स्थिति बहुत अच्छी है, लेकिन आकड़े थम नहीं रहे हैं। बताते चले की मेडिकल कॉलेज प्रशासन के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक चमकी बुखार के सबसे अधिक केस मुजफ्फरपुर में हैं, जहां पीड़ित मरीजों की संख्या 16 है। वहीं मोतिहारी पूर्वी चंपारण से कर सीतामढ़ी से कर शिवहर से तीन वैशाली से एक और गोपालगंज से एक चमकी बुखार पीड़ित बच्चे मुजफ्फरपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए गए थे।

दर्जन से अधिक बच्चे हुए ठीक

इलाज के बाद सभी 29 बच्चे सुरक्षित घर जा चुके हैं, लेकिन जरूरत है मौसम विभाग के द्वारा ल को लेकर जारी रेड अलर्ट के बीच अपने नन्हें मासूमों को लेकर हम सभी को खुद अलर्ट रहना होगा ताकि हमारे लाल चमकी जैसे काल के शिकार ना हो। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम जागरूकता अभियान में यह साफ कहा है कि किसी भी बच्चे को अगर बुखार आए उल्टियां करें या चमकी जैसी कोई भी टेंडेंसी दिखे तो अभिलंब अपने नजदीकी अस्पताल में जाएं या फिर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग की टीम को दें ताकि समय पर आपके लाल का इलाज स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से हो सके।

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