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पटना डेस्कः बिहार में इन दिनों विधानसभा उपचुनाव चल रहे हैं। चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एक सीट गया जिले की इमामगंज है। यहां के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी लोकसभा में गया सीट से जीतकर संसद पहुंच गए तो ये सीट खाली हो गई। उपचुनाव में उनकी बहू दीपा मांझी इस सीट NDA की उम्मीदवार हैं। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी एमएलसी हैं और बिहार सरकार में मंत्री हैं। मांझी खुद केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इमामगंज की सीट जीतन राम मांझी की परंपरागत सीट रही है। वो यहां 10 साल से अधिक विधायक रह चुके हैं। इतनी हाई प्रोफाइल सीट होने के कारण यह क्षेत्र हमेशा चर्चा में रहा है। इस उपचुनाव में भी यह सीट चर्चा का केंद्र बना हुआ है, लेकिन इस बार करण जीतन राम मांझी नहीं बल्कि प्रशांत किशोर हैं।

अपने कार्यक्रम के दौरान 3 नवंबर को प्रशांत किशोर इमामगंज विधानसभा के छकरबंधा पंचायत में पहुंचे थे। ये पंचायत इमामगंज विधानसभा के अंतर्गत डुमरिया प्रखंड में आता है। इस पंचायत की बसावट घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच है। बिहार में नक्सलवाद के दौर में इस पंचायत की गिनती नक्सल प्रभावित इलाकों में होती थी। यहां शाम ढलने के बाद कोई भी जाने की साहस नहीं कर पाता था। स्थानीय लोग बताते हैं कि कोई भी बड़ा नेता इस गांव की ओर नहीं आता है। चुनाव के समय लोग आते हैं और झूठे वादे करके वोट लेकर चले जाते हैं। सड़क और बिजली भी हाल के दिनों में यहां आई है। लेकिन संचार क्रांति की इस दौर में भी यहां के लोग आज भी मोबाईल नेटवर्क से वंचित हैं। इस पंचायत में किसी भी मोबाईल कंपनी का नेटवर्क नहीं आता है। नेटवर्क के लिए लोगों को ऊंचे पेड़ों और पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता है।

प्रशांत किशोर को लोगों ने बताया कि इस पंचायत में मोबाईल का नेटवर्क नहीं आता है। प्रशांत किशोर ने अपनी सभा के दौरान मंच से ये घोषणा कर दी की दो महीने के भीतर वो अपने संसाधन से यहां मोबाईल टावर लगवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव में आपको जिसको वोट देना है दीजिए, लेकिन हम अपने साधन से आपका टावर लगवा देंगे। दो महीने का समय लगेगा, जनवरी तक आपके गांव में एयरटेल या जियो का टावर लग जाएगा और जन सुराज की जब जीत होगी तब पहली सभा छकरबंधा में की जाएगी।

प्रशांत किशोर की इस घोषणा से स्थानीय लोग उत्साहित तो थे लेकिन उन्हें पहले लगा कि ये एक चुनावी वादा है जो हर नेता करता है और वोट लेने के बाद भूल जाता है। लेकिन प्रशांत किशोर ने भाषण के 48 घंटे के भीतर एयरटेल कंपनी के लोग टावर लगाने के लिए सर्वेक्षण करने छकरबंधा पहुंच गए। स्थानीय लोगों के लिए ये किसी आश्चर्य से कम नहीं था। एयरटेल की टीम ने छकरबंधा में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने स्थानीय लोगों से जाना कि यहां की आबादी कितनी है। कितने लोगों के पास एंड्रॉयड फोन है, क्या क्या समस्या है। सरकारी शिक्षक हाजिरी कैसे बनाते हैं? ऑनलाइन पढ़ाई कैसे होती है आदि। सब कुछ जानने और समझने के बाद कहा कि एक महीने के अंदर यहां नेटवर्क लग जाएगा। प्रशांत किशोर की इस पहल से इलाके के लोग बेहद खुश हैं, उनका कहना है कि वादे तो सभी नहीं किए लेकिन वोट लेने के बाद सब भूल जाते हैं, पहली बार वादा पूरा होता दिख रहा है।

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