पटनाः चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस बार पार्टी का अलग अलग होना नहीं बल्कि रामविलास के संपत्ति को लेकर विवाद हो गया है। जहां चाचा पशुपति पारस ने कहा था कि रामविलास की संपत्ति पर चिराग का अधिकार है तो रामविलास पासवान के राजनीतिक विरासत पर मेरा ही अधिकार है। उन्होंने कहा कि बेटा होने के नाते संपत्ति पर चिराग का अधिकार है। दिल्ली से पटना पहुंचे चिराग पासवान से जब यह सवाल किया गया कि उनके चाचा पशुपति पारस आए दिन याद आते फिर रहे हैं कि रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं हूं। वहीं, चिराग पासवान का कहना है कि रामविलास की पार्टी ओर उनकी संपत्ति पर उनका अधिकार है।अब एक बार फिर इसी सवाल का जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पापा पर संपत्ति का अधिकार सिर्फ मेरा और मेरी मम्मी का हो सकता है। यदि सही से जमीन जायदाद की जांच करवा दी जाए तो फिर चाचा पशुपति पारस बहुत बड़े चक्कर में पड़ जाएंगे। इसलिए उनको इन सब मामलों में चुप ही रहना चाहिए।
वहीं, इसके अलावा जेडीयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी द्वारा सेना को लेकर दिए गए बयानों पर अब बिहार की सियासत गर्म हो गई है। इनके खुद के ही पार्टी नेताओं के तरफ से सवाल उठाए जाने के बाद अब विपक्षी दल भाजपा और बिहार में उसके सहयोगी की भूमिका निभा रहे लोजपा (रामविलास) के तरफ से भी सवाल उठाया जाना शुरू कर दिया गया है। लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इन बयानों को लेकर बड़ा हमला बोला है। चिराग पासवान ने कहा कि, कोई भी इस तरह बयान कैसे दे सकता है। वर्तमान में कुछ लोग एक व्यक्ति का विरोध करने में यह भूल जाते हैं कि आप सेना का अपमान कर रहे हैं। आखिरकार क्या जरूरत है सेना को हर बात में शामिल करने की। आज आप यदि अपने घरों में सुरक्षित बैठे हुए हैं तो इसकी वजह हमारी सेना ही है।
चिराग ने कहा कि, विपक्ष में बैठे हुए लोगों को किसी का विरोध करना ही है तो सरकार के नीतियों का विरोध कीजिए, बजट का विरोध कीजिए, महंगाई का विरोध में सवाल खड़े कीजिए लेकिन दिक्कत यह है कि यह लोग ऐसे ऐसे विषय को उठाते हैं जिससे जनता का कुछ लेना देना नहीं है और ऊपर से भारतीय सेना जिसकी वजह से यह यहां सुरक्षित है उसके ऊपर सवाल उठा कर उनको अपमानित कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास कर रहे हैं।
चिराग ने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा किम, ये लोग इस तरह की बयानबाजी कर अपनी लोगों को आपस में बांटने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हें बिहारियों के हालातों पर फर्क नहीं पड़ता है। सीएम तो अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करते तो अपने नेताओं पर क्या ही कार्रवाई करने की उम्मीद उनसे रखी जाए। आज की तारीख में मुख्यमंत्री महज एक कठपुतली बनकर रह गए हैं उनसे कोई निर्णय नहीं होने वाला है।