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पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी कर रही है। सरकार में भाजपा और विपक्ष की पार्टी अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिशन विपक्षी एकता को लेकर ओडिशा की राजधानी भुनेश्वर जाने वाले हैं। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी साथ रह सकते हैं।

दरअसल,  विपक्षी एकता मिशन के तहत सीएम नीतीश ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ उनके आवास में बैठक करेंगे। इस दौरान इन दोनों नेताओं के मध्य कई तरह की चर्चा हो सकैती है। वहां  से आने के बाद नीतीश के झारखंड के सीएम से मिलने के आसार भी जताए जा रहे हैं। 

वहीं, इससे पहले बीते कल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि, हमने  तीनों बड़े नेताओं से मुख्यमंत्री ने टेलीफोन से बातचीत कर ली है। अब उनसे मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में विपक्षी दलों की बैठक हो सकती है। जदयू के मंत्री संजय झा ने भी पिछले दिनों कहा था कि बैठक संभव है और उसके बाद विपक्षी एकता की मुहिम और तेज होगी। 

जानकारी हो कि,भुवनेश्वर के बाद नीतीश का अगला पड़ाव मुंबई होगा। 11 मई को वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे। खुद शरद पवार ने नीतीश कुमार के मुंबई आने की जानकारी मीडिया को दी है। नीतीश कुमार की भुवनेश्वर और मुंबई यात्रा की पुष्टि सोमवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कर दी है। 

आपको बताते चलें कि, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हमेशा से केंद्र की मोदी सरकार के फैसलों के साथ रहे हैं। अगर नीतीश कुमार उन्हें साधने में सफल रहते हैं तो ये तीसरे मोर्चे के लिए बड़ी जीत होगी। नवीन पटनायक की पहचान न्यूटल राजनेता के रूप में  है। लेकिन जिस तरह से बीजेपी हाल के वर्षों में ओडिशा में कैप्चर कर रही है, उससे डर है कि बीजेपी जल्द ही ओडिशा में भी काबिज हो जाएगी। इसलिए जानकारों के मुताबिक ये माना जा रहा है कि इसी गैप का फायदा उठाकर नीतीश कुमार ओडिशा में एंट्री लेना चाह रहे हैं। देखना ये है कि इस मुलाकात के बाद क्या नया समीकरण देखने को मिलेगा।

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