पटना डेस्कः नेपाल में पिछले दिनों हुई भारी बारिश से बिहार की नदियों में करीब 13 लाख क्यूसेक पानी आ गया है। इससे उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ के तांडव और जल प्रलय से जिन्दगी बचाने की जद्दोजहद में जुटी कई ऐसी तस्वीरें आई हैं जो दिल दहला देती हैं। इसी बीच बाढ़ की हालात को देखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हवाई सर्वेक्षण करने जा रहे हैं। बता दें कि बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। सूबे में अबतक बाढ़ के कारण सात तटबंध टूट गए हैं, जिससे लगभग दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
कोसी-गंडक ने बाढ़ के 60 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। बाढ़ ने बिहार के कई इलाकों को बर्बाद कर दिया है। लोग घर छोड़कर भागने के लिए विवश हैं। बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए पड़ोस राज्यों से एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। उत्तर बिहार के जिलों मे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने NDRF की तीन टीम वाराणसी से और 3 टीम रांची से बुलाया गया है। एनडीआरएफ की छह टीमें बिहार पहुंच चुकी है। इसके अतिरिक्त बिहार में पूर्व से stationed NDRF की 12 और SDRF की 22 टीमे बाढ़ राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
बता दें कि सीतामढ़ी, सुपौल, दरभंगा, बेतिया, मधुबनी, कटिहार, गोपालगंज, सीवान, मुजफ्फरपुर के कई इलाकों में बाढ का पानी लोगों के घरों में गुस गया है। लोग सुरक्षित स्थान पर घर बार छोड़ कर शरण ले रखे हैं। कई जगह तो लोग घर के छत पर समय काटने को मजबूर हैं। बगहा में चंपारण तटबंध टूट गया है। वहीं दरभंगा में कोसी तटबंध टूटने से हाहाकार मचा हुआ है। तटबंध टूटने से प्रवेश प्रखंड और घन्यश्यामपुर प्रखंड के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिससे लाखों की आबादी प्रभावित होने की बात सामने आ रही है।
बाढ़ के कारण लगभग पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं तो बाढ़ के पानी में कई घर बह गए हैं, वहीं फसलें नष्ट हो गई हैं। मौसम विभाग ने पांच जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी उन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है जहां पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। लगातार बारिश से जल स्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
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