राजधानी पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय ‘आम महोत्सव’ का उद्घाटन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन करते हुए कहा बिहार की पारंपरिक बागवानी को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इसका आयोजन 28 से 29 जून तक चलेगा, जिसका थीम है- “पुराने बागों का जीर्णोद्धार, भावी पीढ़ियों का उपहार.” आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य की पारंपरिक आम किस्मों और बागवानी संस्कृति को पुनर्जीवित करना है।
आम के शौकीनो के लिए महोत्सव सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक निःशुल्क खुला रहेगा। आयोजन स्थल पर बिहार की विभिन्न किस्मों के आमों की प्रदर्शनी, बागवानी तकनीक, आम से बने उत्पाद और सांस्कृतिक गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
बच्चों के मनोरंजन और भागीदारी के लिए विशेष कार्यक्रम रखे गए हैं. 5 से 10 वर्ष तक के बच्चों के लिए ‘आम खाओ और इनाम पाओ’ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जिसमें सबसे तेज दो आम खाने वाले प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र दिए जाएंगे. साथ ही, 4 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है।
बिहार के आम उत्पादक किसानों के लिए भी यह आयोजन एक सुनहरा अवसर लेकर आया है. उन्हें सात अलग-अलग श्रेणियों में अपनी उपज को प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा. जिसमें शुरुआती, मध्यकालीन और देर से पकने वाली किस्में, हाइब्रिड, बीजू आम, संरक्षित उत्पाद (जैसे अचार, प्यूरी) और ग्राफ्टिंग तकनीक के नमूने शामिल हैं. हर श्रेणी के विजेताओं को नकद इनाम और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
यह महोत्सव न केवल आम के स्वाद का उत्सव है, बल्कि यह एक ऐसी पहल है जो पारंपरिक खेती को बचाने, किसानों को नई तकनीक से जोड़ने और नई पीढ़ी को जैव विविधता की महत्ता से परिचित कराने का माध्यम बनेगा. ज्ञान भवन का यह आयोजन बिहार में बागवानी क्षेत्र की समृद्धि की ओर एक अहम कदम माना जा रहा है।
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