पटनाः कर्नाटक में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में होने वाली विपक्षी दलों की बड़ी बैठक को लेकर कवायद तेज कर दी है। सिद्धारमैया सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद नीतीश बेंगलुरू से सीधे दिल्ली पहुंचे है, जहां रविवार को उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर बिहार में होने वाले विपक्षी दलों के बैठक को लेकर बातचीत की।
दरअसल, कर्नाटक में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेंगलुरू गए थे। उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा भी बैंगलुरू गए थे। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के साथ ही नीतीश ने बेंगलुरू आए विपक्ष के नेताओं से बिहार में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को लेकर चर्चा की। शनिवार को शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार पटना नहीं आकर वहीं से दिल्ली चले गए।
बताया जा रहा है कि नीतीश दिल्ली में दो दिनों तक रहेंगे और इस दौरान विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर बिहार में होने वाली विपक्षी दलों की बड़ी बैठक को लेकर बातचीत करेंगे। फिलहाल विपक्षी दलों की प्रस्तावित बैठक कब होने वाली है इसकी तिथि निर्धारित नहीं हो सकी है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात कर नीतीश बैठक की तारीख तय करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि यह बड़ी बैठक राजधानी पटना में आयोजित की जाएगी, जिसमें विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं का जुटान होगा।
बता दें कि एनडीए से अलग होने के बाद से नीतीश देशभर के विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने की मुहिम में लगे हुए हैं। इसको लेकर नीतीश देश के विभिन्न राज्यों का लगातार दौरा कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, भुवनेश्वर, मुंबई और रांची का दौरा भी किया था,जहां उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, डी. राजा, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, नवीन पटनायक, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और हेमंत सोरेन से उन्होंने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद नीतीश ने दावा किया था कि विपक्ष के नेताओं से उनकी मुलाकात साकारात्मक रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि कर्नाटक में सरकार बनने के बाद विपक्षी दलों की बैठक की तिथि पर बात होगी।