सीएम की प्रगति यात्रा की खुली पोल,विकास कार्यों का असर सिर्फ एक हफ्तेजमुई के सिकेरिया- सोनपे गांव में विकास कार्य ठप, लोग बोले-समय से पानी भी नहीं मिलता

By Team Live Bihar 84 Views
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जमुई, संवाददाता

जमुई के सदर प्रखंड में स्थित सिकेरिया और सोनपे गांव में 7 फरवरी को सीएम का दौरा हुआ था। जिसे लेकर दोनों गांवों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जगह-जगह स्टॉल लगाए गए, नई सड़कें बनाई गईं और महादलित टोले में नल जल योजना के तहत कई स्थानों पर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को शौचालय निर्माण और आंगनबाड़ी केंद्र जैसी कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया गया। लेकिन मुख्यमंत्री के जाने के बाद से ही विकास कार्यों में शिथिलता आ गई है। एक सप्ताह में ही गांव की तस्वीर बदल गई है। बता दें की अब दोनों गांव की स्थिति अपनी पुराने समय में लौट रही हैं।
बता दें कि सोनपे और सिकेरिया में लाखों रुपए से जल जीवन हरियाली के तहत नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी योजना के तहत पेड़ लगाए गए थे। अब वह पेड़ पूरी तरह से पानी के अभाव में सूख गए है। जबकि कर्मियों की लापरवाही देखिए जिस पेड़ को खेल मैदान के आसपास लगाना था, लेकिन दर्जनों से अधिक पेड़ को यूं ही धूप में रख दिया गया है।
जिस कारण अब वह पूरी तरह से सूख गया। बता दे की जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था कि जल व हरियाली है तो जीवन है। लेकिन कर्मियों की लापरवाही देखिए कि मुख्यमंत्री के जाने के एक सप्ताह बाद ही पूरी तरह से तस्वीर बदल गई है। वहीं खेल मैदान के बगल में हजारों रुपए की लागत से लगाए गए आर्टिफिशियल घास जो की पानी के अभाव में पूरी तरह से सुख गया है।
बता दें कि 7 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी गांव में पहुंचे थे और 870 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया था। उस वक्त वहां के स्थानीय लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब इस इलाके का विकास होगा। विकास भी हुआ लेकिन मुख्यमंत्री के जाते ही वहां की तस्वीर बदल गई है।
स्थानीय महादेव टोले के ललिता देवी, खुशबू देवी ,मुनिया देवी आदि ने बताया कि जब सीएम यहां पहुंचने वाले थे तो तमाम पदाधिकारी रात में रहकर उनके गांव को चकाचक कर दिया गया। लेकिन उनके जाते ही अब उन्हें पानी सिर्फ सुबह में 1 घंटे और शाम में 1 घंटे मिलता है बाकी का काम उन्हें पास के चापाकल और कुएं से ही चलाना पड़ता है।
वही जयंत मांझी, दीपक मांझी ने बताया कि सीएम के आगमन से उसके गांव में कई विकास के कार्य हुए हैं लेकिन उनके जाने के बाद उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है बिजली की भी समस्या होने लगी है।

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