लाइव बिहार: मुंगेर हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की। मुलाकार के दौरान कांग्रेस ने राज्यपाल को मुंगेर की घटना की पूरी जानकारी दी। साथ ही कहा कि अब यह साफ हो गया है कि मुंगेर में गोली पुलिस ने चलाई थी। कांग्रेस ने बिहार सरकार को इस मामले को लेकर बर्खास्त करने की मांग की।
बता दें कि बिहार का मुंगेर शहर गुरुवार को पांच घंटे तक अशांत रहा। पथराव और आगजनी के बीच अमनपसंद लोग घरों में सिमटे रहे। पुलिस भी कई बार बैकफुट पर नजर आई। गोली कांड के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर गुरुवार को बाजार बंद किया गया था। वहीं शुक्रवार को डीआईजी मनु महाराज ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। हमारे जवान लगातार निगरानी कर रहे हैं। हम आगजनी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। वहीं मनु महाराज ने कहा कि 26 अक्टूबर को उस युवक की मौत कैसे हुई, यह जांच का विषय है।
गुरुवार को बवाल के दौरान गुस्साए युवाओं की भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पुलिस और प्रशासन को निशाने पर ले लिया। एसपी कार्यालय में पथराव और तोड़फोड़ उस समय किया गया जब, लिपि सिंह अपने आवास पर मौजूद थीं। इसके बाद उपद्रवियों के द्वारा एक के बाद एक लगातार थानों को निशाना बनाया जाने लगा। सूचना मिलते ही एसपी सीधे डीएम राजेश मीणा के आवास गईं। डीएम व एसपी उपद्रवियों को काबू करने की योजना बना ही रहे थे कि दोनों के तबादले की जानकारी आ गई। डीआईजी मनु महाराज रोड पर आए और उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किया।
मुंगेर से हटाए जाने से पहले डीएम राजेश मीणा ने गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता की। एसपी लिपि सिंह भी मौजूद थी। डीएम ने कहा कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान घटना के दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। गोली चलाने का आदेश उन्होंने या एसपी ने नहीं दिया था। वह और एसपी घटना की समीक्षा कर जांच कर रहे हैं। साथ ही तारापुर एसडीपीओ के नेतृत्व में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।