पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में सभी पार्टी अभी से ही जुट गई है। एक तरफ एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। तो दूसरी तरफ महागठबंधन के दलों ने भी संगठन को मजबूत करने के लिए अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। राजद, कांग्रेस और वामदलें इसे लेकर अलग-अलग बैठकें कर रही हैं। इसके अलावा तेजस्वी यादव राजद कार्यकर्ताओं से लगातार मिल रहे हैं। साथ ही चुनाव के लिए संगठन की तैयारी को मजबूती देने के लिए जिलों का दौरा कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस ने फिर एकबार साफ कर दिया है कि वो इसबार भी उतनी ही सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारेगी जितनी सीटों पर पिछले चुनाव में पार्टी ने प्रत्याशी उतारा था। यानी सीट बंटवारे में अपनी हिस्सेदारी कांग्रेस ने स्पष्ट कर दी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने पटना में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में सेवादल के 101वें स्थापना दिवस पर आयोजित प्रांतीय सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात करते हुआ कहा कि पिछले बार से कम सीटों पर कोई बात नहीं होगी। उनके इस बयान से अब आगामी चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर एक संदेश साफ बाहर निकल चुका है कि कांग्रेस इसबार भी 70 सीट पर ही दावा ठोकेगी। वहीं कांग्रेस के इस दावे से राजद की चिंता कहीं ना कहीं बढ़ गई है। साथ ही राजद में भारी टेंशन की स्थिति हो गई है।
दरअसल, पिछले चुनाव में राजद ने 243 में 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 75 सीटें जीतकर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं कांग्रेस को 70 सीटें मिली थे लेकिन कांग्रेस के केवल 19 प्रत्याशी ही जीतकर विधायक बन सके थे। महागठबंधन की गाड़ी 110 सीटों तक पहुंच सकी थी और एनडीए ने 125 सीट जीतकर सरकार बना लिया। बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है। बिहार चुनाव 2020 में जदयू केवल 43 सीटें जीत सकी थी। राजद ने कांग्रेस के प्रदर्शन को तब मुद्दा भी बनाया था।
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