बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में समर्थकों को भी सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। इस फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।
भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान अजीत शर्मा और उनके समर्थकों पर आरोप लगा था कि उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई और चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया। आरोप यह भी था कि उन्होंने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की।
अजीत शर्मा को तत्कालीन दंडाधिकारी की शिकायत पर स्थानीय पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई भागलपुर जिले के एडीजे-3 (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) दीपक कुमार की अदालत में चल रही थी। अदालत में लंबी सुनवाई के बाद आज फैसला सुनाया गया, जिसमें साक्ष्यों के अभाव को आधार बनाकर अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के जरिए लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने के लिए कोई ठोस और निर्णायक सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया. इस फैसले के बाद अजीत शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि न्याय की जीत हुई है और उन्होंने हमेशा कानून का सम्मान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित थे और जनता ने हमेशा उन पर भरोसा बनाए रखा है।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह सत्य की जीत है। पार्टी नेताओं ने अदालत के इस निर्णय को न्यायपालिका की निष्पक्षता का प्रमाण बताया है। गौरतलब है कि अजीत शर्मा भागलपुर विधानसभा सीट से वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी राजनीतिक पकड़ मानी जाती है। इस फैसले से उन्हें आगामी चुनावों में भी राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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