साइबर ठगों ने इजाद किया क्लोन एप से ठगी नया तरीका ट्रांजेक्शन के बावजूद रिसीवर को नहीं मिलते हैं रुपए
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बक्सर: आजकल जिले में यूपीआई पेमेंट्स के क्लोन एप से जिले में कई साइबर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। इसकी बानगी जिले में कई जगहों पर देखने को मिल रही है। तरीका इतना नया है कि किसी को शक भी नहीं होता और साइबर अपराधी अपने मंसूबे को कामयाब कर जाते हैं। यूपीआई पेमेंट्स के क्लोन एप में फोन पे, गूगल पे सहित अन्य कई एप्स का डुप्लीकेट एप बनाकर साइबर ठगी की जा रही है।

ये क्लोन एप ठीक ओरिजिनल एप की तरफ काम करते हैं, पैसे का ट्रांजेक्शन भी पूरा हो जाता हैं, लेकिन रिसीवर को पैसे प्राप्त ही नहीं होते हैं। साइबर फ्रॉड को लेकर साइबर डीएसपी रजिया सुल्तान ने बताया कि ट्रांजेक्शन क्लियर हो जाने के बावजूद भी जबतक रिसीवर को पैसे प्राप्त नहीं होते, तबतक ट्रांजेक्शन को पूरा नहीं मानना चाहिए।

डीएसपी रजिया सुल्तान ने बताया कि इंटरफेस यानी यूपीआई मौजूदा वक्त का सबसे पसंदीदा पेमेंट ऑप्शन बनकर उभरा है। यूपीआई पेमेंट एक बेहद आसान पेमेंट ऑप्शन है। जिसकी मदद से चंद मिनटों में एक-दूसरे को इंस्टैंट फंड ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि इस दौरान बेहद सावधानी बरतनी चाहिए, वरना आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि मार्केट में कई तरह के क्लोन एप्लीकेशन मौजूद हैं, जो यूजर्स की यूपीआई डिटेल चोरी करने काम करते हैं। यह एक तरह के क्लोन एप होते हैं, जो दिखने में बिल्कुल ओरिजनल एप की तरह होते हैं। जिनसे यूजर्स का संवेदनशील डेटा चोरी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर इन मामलों में सावधानी नहीं बरती जाए तो इस प्रकार के फ्रॉड का शिकार होना पड़ सकता है।

बात बीते महीने के 19 की रात की है जब क्लोन एप से ठगी का एक मामला सामने आया। यह वाक्या डुमरांव अनुमंडल के पुराना भोजपुर निवासी एक साइबर कैफे दुकानदार के साथ हुआ। पुराना भोजपुर निवासी विवेक गुप्ता के गैलेक्सी कंप्यूटर साइबर कैफे में अपाची बाइक सवार दो युवक आए और 20000 रुपए के पेमेंट ट्रांजेक्शन का फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाकर रुपए लेने की कोशिश करने लगे। हालांकि दुकानदार को शक हुआ और उसने अपनी रिसीविंग हिस्ट्री चेक की जहां कोई रुपए उसे प्राप्त नहीं हुए थे। पता चला कि साइबर अपराधी क्लोन एप से पैसे का ट्रांजेक्शन कर रहे थे, दुकानदार को जानकारी होने तक साइबर फ्रॉड के अपराधी भाग निकले। हालांकि दुकानदार की सजगता से वह साइबर ठगी का शिकार होने से बच गया।

नाम न छापने की शर्त पर डुमरांव के एक बड़े व्यवसाई ने बताया कि उसकी दुकान पर कुछ लोग ल्यूमिनस कंपनी का इनवर्टर और एक बैटरी लेकर जाने लगे। पेमेंट ऑप्शन में उन्होंने यूपीआई के माध्यम से 26,500 रुपए का पेमेंट कर दिया। पेमेंट की ट्रांजेक्शन रिसिप्ट देखकर मैने भी उन्हें जाने की इजाजत दे दी लेकिन तबतक मेरा बेटा वहां आ गया। मैने जब बेटे से पूछा कि 26,500 रुपए प्राप्त हुए हैं तो उसने बताया कि ऐसी कोई राशि नहीं प्राप्त हुई है। बेटे ने ग्राहक के रूप में आए साइबर अपराधियों से जब उनके पेमेंट रिसिप्ट की मांग की तो पहले तो कतराने लगे, बाद में वो भाग निकले। इस तरह संयोग से व्यवसायी का नुकसान होने से बच गया।

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