गया, संवाददाता: गया जेल में बंद 128 किलो के कैदी की मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने गया-चेरकी मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन की मिलीभगत से रतन सिन्हा की मौत हुई है। इसी वजह से जेल प्रशासन ने रतन के शव को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लावारिस छोड़ दिया था।
परिजनों का कहना है कि रतन की तबीयत खराब हुई होगी, लेकिन इस बात की सूचना जेल प्रशासन की ओर से नहीं दी गई। सुबह मौत की सूचना दी गई। अस्पताल वालों ने कोई डाक्यूमेंट्स नहीं दिया।
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखनपुर निवासी रतन सिन्हा का 42 लाख रुपए को लेकर लेनदेन का विवाद चल रहा था। रतन सिन्हा ने रत्नेश शर्मा और मुंगेरी सिंह से 42 लाख रुपए ले रखे थे। इसके बदले में रतन सिन्हा ने 42 लाख रुपए का चेक दिया था। जो बाउंस हो गया था। इसी मामले में रतन सिंहा को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
मृतक के भाई गौतम कुमार सिन्हा ने बताया कि विगत मई में चेक बाउंस मामले में रतन सिन्हा गया जेल में बंद थे। बुधवार सुबह जेल से फोन आया कि आपके भाई की तबीयत खराब हो गई है।हमलोग अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचे। पहुंचे तो देखा कि हमारा भाई मृत पड़ा है। जेल प्रशासन का कोई सिपाही या कर्मचारी मौजूद नहीं है। हमारे भाई के शव को लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया था। जब हमने ईसीजी रिपोर्ट मांगी तो कहा गया कि आपको नहीं मिल सकता। हमारे भाई की मौत हो गई है और उसका ईसीजी रिपोर्ट हमें क्यों नहीं मिलेगा ?
जेल प्रशासन के लोगों ने ही मिलकर हमारे भाई की हत्या कर दी है। हम पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। दोषियों पर कार्रवाई हो।
जेल सुपरिटेंडेंट विजय अरोड़ा ने कहा कि 15 मई को जेल में आया था। वो128 किलो का था। हाईपरटेंशन का शिकार था। डे वन से ही उसका इलाज चल रहा था। मंगलवार की शाम रतन सिन्हा की तबीयत खराब हुई थी। जेल अस्पताल में इलाज कराया गया था। सीरियस होने के बाद मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया था। जहां उसकी मौत हो गई ।