चुनाव आयोग बिहार की जनता की आवाज सुने-दीपांकर भट्टाचार्य

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इंडिया गठबंधन द्वारा आहूत वोटबंदी के खिलाफ राज्यव्यापी चक्का जाम के तहत आज पटना में भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, कॉ. एम.ए. बेबी, डी. राजा और मुकेश सहनी के साथ मिलकर मार्च का नेतृत्व किया।

विरोध प्रदर्शन इनकम टैक्स गोलंबर से प्रारंभ हुआ और वीरचंद पटेल पथ होते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर बढ़ा। प्रदर्शन में शामिल हजारों कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाकर रोका गया।

भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने सतमूर्ति के समीप प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का राज्यव्यापी चक्का जाम ऐतिहासिक है। बिहार की जनता ने साफ कर दिया है कि उसे एसआईआर नहीं चाहिए। हमें अपने सार्वभौमिक मताधिकार और श्रम अधिकारों की रक्षा पूरी ताकत से करनी होगी।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग गरीबों को उनके मताधिकार से वंचित करना चाहता है, लेकिन आज का चक्का जाम स्पष्ट संदेश दे रहा है कि बिहार की जनता अपनी लोकतांत्रिक आवाज को कुचले जाने नहीं देगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भी अपील की कि वह इस जनभावना को गंभीरता से सुने, जहाँ इस मुद्दे पर कल सुनवाई होनी है।

का. दीपंकर ने कहा कि बिहार की जनता इस बार 20 वर्षों की भाजपा-नीतीश सरकार को सबक सिखाने के मूड में है। लेकिन चुनाव आयोग जनता को भ्रमित करने और मतदाता चयन की साजिश में लगा हुआ है। यह लोकतंत्र पर हमला है। जिस पटना से 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ, वहीं से आज एक बार फिर लोकतंत्र की रक्षा का बिगुल बज चुका है। जब-जब बिहार बोलता है, देश बदलता है। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हर कीमत पर की जाएगी।

का. दीपंकर ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए चार श्रम संहिताएं मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश हैं। उन्होंने कहा कि आज संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, स्कीम वर्कर, कर्मचारी और ट्रेड यूनियन एकजुट होकर सड़कों पर हैं। हम इस एकता को सलाम करते हैं और उनके संघर्ष में पूरी ताकत से साथ खड़े हैं।

आज के प्रदर्शन में माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के अलावा पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, काराकाट संासद राजाराम सिंह, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, एमएलसी व स्कीम वर्करों की नेता शशि यादव, अमर, विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, संदीप सौरभ, गोपाल रविदास, रसोइया संघ की नेता सरोज चैबे सहित ट्रेड यूनियन ऐक्टू के नेता आरएन ठाकुर, रणविजय कुमार, किसान नेता उमेश सिंह, शिवसागर शर्मा, वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव, संगीता देवी, रामबली प्रसाद, प्रेमचंद सिन्हा सहित बड़ी संख्या में माले व ट्रेड यूनियन्स कार्यकर्ता तथा छात्र-युवा प्रदर्शन में शामिल हुए.

पटना विश्वविद्यालय में आइसा नेता नीरज यादव के नेतृत्व में छात्रों ने भी अशोक राजपथ जाम किया. सैकड़ो की तादाद में माले के सभी कार्यकर्ता मार्च करते हुए इनकम टैक्स चैरहा पहुंचे थे जहां इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे. वहां से एकताबद्ध होकर यह मार्च सीईओ कार्यालय की तरफ बढ़ा था।

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