पटना सिटी में कब रुकेगा अपराध
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पटना सिटी,संवाददाता: अनुमंडल के नौ थाना क्षेत्रों में विधि व्यवस्था बनाए रखने व अपराध पर नियंत्रण बनाए रखने को लेकर तेजतर्रार पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। बावजूद अपराधियों के हौसले बुलंद है। सुबह हो या शाम, अपराधियो का जब मन किया, गोलियां बरसा दी औऱ दे दिया घटना को अंजाम। जून माह समाप्त होने में अभी चार दिन शेष बचे हैं लेकिन अपराधियों द्वारा कई बड़ी आपराधिक घटनाओं का अंजाम दिया जा चुका है। देखना होगा कि बचे चार दिनों में अपराधियों की बंदूकें शांत रहती है या गरजती है। यह अलग दीगर बात है कि कुछ मामले में अपराधियों की धड़-पकड़ भी हुई। मगर अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

हालांकि अपराध पर नियंत्रण, अपराधियों की गिरफ्तारी व घटना के उद्भेदन को लेकर अनुमंडल में दो पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर थानों के बंटवारा भी कर दिया गया है। जिसमें एक पदाधिकारी आईपीएस शरथ आर एस व दूसरे बीपीएससी कैडर के डीएसपी डॉ गौरव कुमार शामिल हैं। फिर भी क्राइम का ग्राफ जिस तेजी से बढ़ रहा है। इससे लोगों में दहशत बना है।

जून माह की आपराधिक घटनाएं

तीन जून को आलमगंज थाना क्षेत्र के एनएमसीएच रोड स्थित पार्क व मंदिर के समीप बेख़ौफ़ अपराधियों ने दो युवकों को गोली मारकर फरार हो गए। इस घटना में एक युवक की मौत इलाज़ के दौरान हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। सात जून को खाजेकलां थाना क्षेत्र के नवाब बहादुर रोड, जग्गी का चौराहा पानी टंकी के समीप अपराधियों ने मुनमुन उर्फ औरंगजेब की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 12 जून को मालसलामी थाना क्षेत्र के रिकावगंज में दो पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी की घटना हुई। 17 जून को मालसलामी थाना क्षेत्र के ही बाजार समिति के पास दीना आयरन के कर्मचारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई।

22 जून को आलमगंज थाना क्षेत्र के नेहरुचक में दो पक्षों के बीच कई राउंड गोलीबारी हुई। 23 जून को आलमगंज थाना क्षेत्र के ही जल्ला रोड, मलिया महादेव मंदिर गली में प्रॉपटी डीलर की दो अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसमें मृतक के परिजनों ने पटना मेयर सीता साहू के बेटे सहित नौ लोगों को नामजद किया है। गौरतलब है कि बीते माह संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में केंद्रीय नेताओं समेत सूबे के सत्तापक्ष के नेताओं ने बड़े-बड़े दावे कर सूबे में सुशासन की बात कर पिछली सरकार के जंगलराज की चर्चा करते थकते नहीं थे। मगर घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है।

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