गया, संवाददाता
सूबे के डीजीपी विनय कुमार गया में अपराधियों और नक्सलियों की पुलिसकर्मियों की क्लास लगा दी। एसएसपी कार्यालय में तीन घंटे तक लगातार मीटिंग की जिसमें इंस्पेक्टर से लेकर एसएसपी तक मौजूद थे। बैठक में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण को लेकर एक-एक पहलू पर गंभीर मंथन हुआ।
डीजीपी ने बताया कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए हमें फील्ड में रहना होगा। मैंने जिले के आईजी, एसएसपी, एसपी सिटी, एएसपी, एसडीपीओ और इंस्पेक्टर से लंबी चर्चा की। सभी से साफ कहा कि थाने में बैठने से कुछ नहीं होगा, सड़कों पर उतरना होगा।
बोधगया में बीटीएमसी एक्ट के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर जब उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कई स्तरों से जुड़ा है। इसमें राज्य और केंद्र, दोनों सरकारें शामिल हैं। पुलिस की भूमिका कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित है, और हम पूरी तरह सतर्क हैं।
अधिकारियों के साथ बैठक खत्म होने के बाद चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों ने डीजीपी से मुलाकात की। व्यापारियों ने शहर में ट्रैफिक जाम, चोरी की वारदात और पुलिस की लचर कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जताई। नवंबर में रिफाइंड के होलसेलर संजय भारद्वाज की दुकान से हुई लाखों की चोरी का मामला उठाते हुए व्यापारियों ने कार्रवाई पर सवाल उठाया। डीजीपी ने तुरंत एसएसपी आनंद कुमार से पूछा, लेकिन वह संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। डीजीपी ने दो टूक कहा कि इस केस को आप खुद देखिए और जल्द डिटेक्शन कीजिए। व्यापारी समाज को जवाब मिलना चाहिए।
बुलियन एसोसिएशन ने सर्राफा बाजार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। कहा गया कि पहले स्टैटिक फोर्स दिया जाता था, अब बाइकर्स से काम चलाया जा रहा है। डीजीपी ने एसएसपी को सुरक्षा के नजरिए से एसोसिएशन के साथ मीटिंग करने और जरूरत के हिसाब से फोर्स की तैनाती करने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने हर 3 महीने पर शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक करने और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया।
डीजीपी विनय कुमार ने गया में पुलिसकर्मियों की लगाई क्लास थाने में बैठने से नहीं सड़क पर उतरने से सुधरेगी विधि व्यवस्था
