मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर स्वास्थ्य विभाग भले ही मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज व जांच की सुविधा देने का दावा करता है। लेकिन, अस्पतालों की हालत दयनीय है। पिछले एक वर्ष में राज्य के 21 अनुमंडलीय व रेफरल अस्पतालों में एक भी नवजात को न भर्ती किया गया और न ही उनका इलाज किया गया। जबकि, बाकी 20 अनुमंडलीय व रेफरल अस्पतालों में इस एक वर्ष के दौरान महज 1500 बच्चों का इलाज हुआ। प्रदेश में कुल 101 अनुमंडल हैं और आंकड़े सिर्फ 41 अस्पतालों के उपलब्ध हैं। इस लापरवाही को लेकर शिशु स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विजय प्रकाश राय ने सिविल सर्जन को पत्र लिख कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
दरअसल, जिला अस्पताल की तर्ज पर अनुमंडलीय व रेफरल अस्पताल में न्यू बोर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट यानी एनबीएसयू संचालित है। एसएनसीयू की तर्ज पर इस यूनिट में कमजोर व गंभीर बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता है। जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक की राज्यस्तरीय समीक्षा में पाया गया कि 41 में सिर्फ 20 एनबीएसयू में महज 1500 नवजात का ही इलाज किया गया।
जबकि 21 एनबीएसयू में एक भी नवजात को भर्ती नहीं किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी पोर्टल पर इन 21 एनबीएसयू से एक भी नवजात को भर्ती व इलाज नहीं होने से पटना से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। इसको लेकर संबंधित अधिकारियों की भी चिंता बढ़ गई। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि उक्त अस्पतालों में गंभीर नवजात का इलाज तो किया गया, लेकिन पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया।
डाटा अपलोड करने के लिए पटना में पिछले 29 व 30 नवंबर 2022 को सॉफ्टवेयर के माध्यम से एनबीएसयू से संबंधित आंकड़ों की रिकॉर्डिंग, रिपोर्टिंग व विश्लेषण आदि किए जाने को लेकर विस्तृत रूप से ट्रेनिंग दी गई थी। बावजूद इसके उक्त 21 एनबीएसयू में एक भी नवजात के इलाज का डाटा पोर्टल पर नहीं है।
जिन 1500 नवजात बच्चों का इलाज हुआ, अस्पतालवार उनकी संख्या भी दिलचस्प है। एसडीएच रोसड़ा समस्तीपुर 6, बिक्रमगंज, रोहतास 9, आरएच रामगढ़, कैमूर 10, एसडीएच हथुआ गोपालगंज 13, बलिया बेगूसराय 14, गोगरी खगड़िया 21, हिलसा, नालंदा 24, झंझारपुर मधुबनी 31, बगहा, प. चंपारण 33, महुआ, वैशाली 43, धमदाहा, पूर्णिया 54, दाउदनगर, औरंगाबाद 72, सिमरी बख्तियारपुर सहरसा 76, रजौली, नवादा 78, बारसोई, कटिहार 84, पीरपैंती, भागलपुर 93, सोनपुर, सारण 125, दलसिंहसराय, समस्तीपुर 214, अमरपुर, बांका 230, फरबिसगंज, अररिया 270 कुल 1500।ये एक साल का आंकड़ा है।