भागलपुर: हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले निगम कागजी कवायद करता है और फिर रैंकिंग में पिछड़ जाता है। इसबार स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए निगम दीवारों पर स्लोगन लिखवा रहा, दूसरी तरफ उसी जगहों पर कचरे का ढेर है। ऐसे कचरों का नियमित उठाव नहीं हो रहा। ऐसे में नियम के सारे किए-कराए पर पानी फिरना निश्चित है। इस बार जून में तय हुआ था कि शहर के 300 से ज्यादा छोटे डंपिंग प्वाइंट को कम करते हुए 55 तक लाना है। हालात ये हैं कि अब भी उतने ही डंपिंग प्वाइंट मौजूद हैं।
शहर के मेन रोड पर लगे डस्टबिन की तस्वीर बता रही है कि यहां किस तरह तैयारी चल रही है। फिलहाल स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी को लेकर कचरे से साहेबगंज में खाद निर्माण हो रहा, वहीं दीवारों पर स्लोगन से संदेश लिखे जा रहे। वहीं शहर के मेन रोड से लेकर गलियों में तीन से चार दिन तक कूड़ा उठाव हो ही नहीं रहा।
सदर अस्पताल के सामने फटे हुए डस्टबिन को चिप्पी डालकर कूड़ा रखा जा रहा। मशाकचक रोड स्थित एक हॉस्पिटल के पास सड़क किनारे रखे कचरे पर बच्चे दिख रहे। सर्किट हाउस के सामने तिलकामांझी हटिया रोड मोड़ पर देर शाम तक कचरा डंप था। जहां कचरा था, वहीं दीवार पर स्लोगन लिखे थे। आदमपुर बैंक कॉलोनी में स्टॉर्म ड्रेनेज के पास प्लास्टिक कचरे से नदी बन गई है। सड़क पर फैला कचरे का ढेर ओर उसपर मौजूद बच्चे बड़ी सहजता से तस्वीर को सामने रख देते हैं।
वेस्ट प्रोसेसिंग का जहां तक प्रश्न है वर्ष 2023 तक इसमें 0% काम रहा। इसबार: गीले कचरे से खाद बनाई जा रही, लेकिन इसकी जांच कृषि वैज्ञानिक से नहीं हो सकी। यही हाल कूड़ा सेग्रीगेशन का भी रहा। पिछली बार 29% कार्य दिखाया था। इसबार अब भी सूखा-गीला कचरा घरों से एक साथ ही बाहर निकल रहा। डंपिंग साइट पर पिछली बार 0% काम हुआ था। इसबार 300 डंपिंग साइट को घटाकर 55 से 60 करने का टारगेटबनाया गया, जमीन पर कुछ नजर नहींआता। और यदि पब्लिक टॉयलेट की बात कर लें तब पिछली बार 6% साफ-सफाई और रखरखाव के नाम पर दिखाया था। लेकिन इसबार तो नियमित सफाई और रख-रखाव का टारगेट जून में तय ही हुआ, कम अबतक शुरू नहीं हुआ।
मेयर डॉ. बसुंधरा लाल ने इस सिलसिले में कहा कि, ‘शहर की बेहतर सफाई अगर नियमित हो जाए तो स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग भी सुधरेगी। हमलोगों ने बैठकों में बार-बार इसी मुद्दे को लिया कि सुधार चाहिए तो बेहतर सफाई करनी होगी।‘ दूसरी तरफ लोक स्वच्छता पदाधिकारी शशिभूषण सिंह ने उठाये गए कदम की जानकारी देते हुए बताया कि ‘इस बार हमलोग कचरे से खाद बना रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाए गए हैं।
दीवारों पर स्वच्छता संदेश लिखवा रहे हैं। नुक्कड़ नाटक व जागरूकता रैली निकाली जाएगी। नियमित सफाई को लेकर काम चल रहा है।‘ इस आंकड़े पर भी गौर करने की जरुरत है : नेशनल- 446 शहरों में 403वां स्टेट- 31 शहरों में 21वां डोर टू डोर कूड़ा उठाव- 80% कूड़ा सेग्रीगेशन – 29% वेस्ट प्रोसेसिंग – 0% डंपिंग साइट – 0% आवासीय एरिया में सफाई- 76% बाजार एरिया में सफाई- 76% पब्लिक टॉयलेट- 6%