मोकामा हत्याकांड में बड़ा खुलासा! Dularchand की हत्या मामले में 80 गिरफ्तार, गाड़ी की तलाश जारी।

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मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले की जांच जारी, पुलिस गाड़ी और हथियार की तलाश में — 80 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है
Highlights
  • • Dularchand Murder Case में अब तक 80 गिरफ्तारियां. • कार और हथियार बरामद नहीं, जांच जारी. • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सीने पर गाड़ी चढ़ाने से मौत की पुष्टि. • अनंत सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत. • CID ने केस अपने हाथ में लिया, DIG जयंत कांत ने किया निरीक्षण. • मोकामा में सुरक्षा के लिए 13 CAPF कंपनियां तैनात. • भदौर और घोसवरी थानाध्यक्ष निलंबित. • बिहार चुनाव 2025 के बीच मोकामा की राजनीति में उथल-पुथल.

जांच में नया मोड़ — पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला बड़ा राज

Dularchand Murder Case में अब जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. मोकामा की राजनीति इस हत्याकांड के बाद से पूरी तरह गरमाई हुई है. जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी और जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के काफिलों में 30 अक्टूबर को हुई भिड़ंत ने इस शांत इलाके को उथल-पुथल में बदल दिया था. इस हिंसक झड़प में 75 वर्षीय आरजेडी नेता दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया था.

अब इस हत्याकांड की जांच में पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट से एक बड़ा सुराग मिला है. एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के मुताबिक, दुलारचंद के पैर में गोली मारी गई थी, लेकिन रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि उनकी मौत गोली से नहीं, बल्कि सीने पर गाड़ी चढ़ाने से हुई थी. इससे यह शक गहराता जा रहा है कि हत्या की साजिश और क्रियान्वयन बेहद सुनियोजित तरीके से किया गया.

पुलिस की कड़ी जांच — अब तक 80 गिरफ्तारियां लेकिन कार और हथियार लापता

मोकामा हत्याकांड में बड़ा खुलासा! Dularchand की हत्या मामले में 80 गिरफ्तार, गाड़ी की तलाश जारी। 1

मोकामा हत्याकांड को लेकर पुलिस लगातार जांच में जुटी है. अब तक 80 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जिनमें कई स्थानीय लोग और समर्थक शामिल हैं. वहीं, पुलिस उस कार की तलाश में है, जिससे दुलारचंद यादव को कुचला गया था.

अब तक जांच में इस्तेमाल हुई गाड़ी और हथियार दोनों ही बरामद नहीं किए जा सके हैं. यही वजह है कि पुलिस अब हत्या के मुख्य आरोपी जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह से विस्तृत पूछताछ की तैयारी में है. अनंत सिंह को शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

इस दौरान उनसे उस गाड़ी, हथियार और चालकों के बारे में पूछताछ की जाएगी, जो घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे. पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हथियार कहां से आया और किसके नाम पर था.

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सीआईडी जांच में उतरी — घटनास्थल पर पहुंचे DIG जयंत कांत

जांच की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने अब केस को अपने अंडर ले लिया है. सीआईडी ​​के डीआईजी जयंत कांत ने शनिवार को घटनास्थल का दौरा किया और सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की.

सीआईडी ​​टीम ने एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की मदद से पूरे इलाके का निरीक्षण किया और अब घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. इसका मकसद आरोपियों की पहचान सुनिश्चित करना और गाड़ी की सटीक जानकारी जुटाना है.

इस कदम के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जांच में कुछ ठोस सुराग जल्द सामने आ सकते हैं.

सुरक्षा पर सख्ती — मोकामा में तैनात की गई CAPF की 13 कंपनियां

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि घटना के बाद मोकामा और उसके आस-पास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने भारी फोर्स तैनात की है.

मौजूदा समय में सीएपीएफ की 13 कंपनियां, एसटीएफ की 2 यूनिट्स, और क्यूआरटी की 4 टीमों को इलाके में तैनात किया गया है. वहीं, भदौर और घोसवरी थानाध्यक्षों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

साथ ही, अनंत सिंह, पियूष प्रियदर्शी और राजद प्रत्याशी वीणा देवी को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई है. यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि चुनावी माहौल में किसी भी तरह का नया तनाव या हिंसक वारदात न हो सके.

मोकामा की राजनीति में उथल-पुथल — चुनावी माहौल में छाया मातम

दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा की राजनीति में भूचाल आ गया है. विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान यह क्षेत्र पहले से ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जा रहा था. लेकिन इस घटना ने पूरे माहौल को संवेदनशील और भयभीत बना दिया है.

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इस हत्या ने जनसुराज पार्टी और जेडीयू दोनों के लिए स्थिति जटिल बना दी है. जहां एक ओर जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया है, वहीं जनसुराज पार्टी पर भी समर्थकों की हिंसक झड़पों को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

इस बीच, प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए चुनावी सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी है कि मोकामा और आस-पास के क्षेत्र में शांति बनी रहे.

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सच्चाई की तलाश अभी बाकी

Dularchand Murder Case फिलहाल बिहार पुलिस और सीआईडी दोनों के लिए एक चुनौतीपूर्ण केस बन गया है.
80 गिरफ्तारियों, सीआईडी की जांच और कड़ी सुरक्षा के बावजूद अब तक न तो गाड़ी बरामद हुई है, न ही हथियार का सुराग मिला है.

सवाल यह है कि आखिर दुलारचंद यादव की हत्या के पीछे असली साजिशकर्ता कौन है?
क्या यह महज़ चुनावी हिंसा का परिणाम था या इसके पीछे कोई सुनियोजित राजनीतिक साजिश है?

इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे. फिलहाल, मोकामा की राजनीति तनाव, जांच और उम्मीदों के बीच झूल रही है.

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