पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोला बड़ा राज — पसलियां टूटीं, फेफड़े फट गए
मोकामा में हुए RJD नेता दुलारचंद यादव हत्याकांड में अब नया मोड़ आ गया है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौत गोली से नहीं बल्कि सीने पर गाड़ी चढ़ाने से हुई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि दुलारचंद यादव की पसलियां टूट गईं और फेफड़े फट गए, जिससे कार्डियो-पल्मोनरी फेल्योर यानी हृदय और फेफड़ों की प्रणाली बंद हो गई।
बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में तीन डॉक्टरों की टीम ने करीब दो घंटे तक पोस्टमॉर्टम किया। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि उनके शरीर पर कई जगह गहरे जख्म (lacerated wounds) और घिसने के निशान (abrasions) पाए गए।
रिपोर्ट में दर्ज — पहले गोली मारी गई, फिर गाड़ी से कुचला गया

डॉक्टरों की टीम ने बताया कि दुलारचंद यादव के दाहिने पैर के तलवे के पास गोली लगने का निशान था। इसका मतलब यह है कि उन्हें पहले गोली मारी गई और फिर थार गाड़ी से कुचल दिया गया।
रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि उनके सिर, पीठ, घुटने और टखनों पर गहरी चोटें थीं।
डॉक्टरों ने लिखा — “मौत का कारण छाती और सिर पर भारी प्रहार व फेफड़े फटना है।”
इससे साफ है कि सीने पर गाड़ी के पहिए चढ़ने से आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding) हुआ और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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हत्या की पूरी साजिश उजागर — FIR में कई नामजद आरोपी
इस मामले में अब तक तीन FIR दर्ज की जा चुकी हैं।
पहली FIR दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार ने भदौर थाने में दर्ज कराई है।
उन्होंने अनंत सिंह, उनके भतीजे रणवीर और कर्मवीर सिंह, छोटन सिंह और कंजय सिंह समेत कई अज्ञात लोगों को नामजद किया है।
नीरज ने FIR में लिखा कि उनके दादा को गाड़ी से उतारने के बाद अनंत सिंह ने पिस्टल से फायर किया, जो पैर में लगा।
इसके बाद छोटन सिंह ने लोहे की रॉड से सिर और पीठ पर वार किया, फिर थार गाड़ी से दो-तीन बार आगे-पीछे करके कुचल दिया।
दूसरी FIR अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार ने दर्ज कराई है, जबकि तीसरी पुलिस ने अपने बयान पर की है।
अब पुलिस फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर जांच तेज कर रही है।
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बाढ़ और मोकामा में तनाव बढ़ा, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद मोकामा और बाढ़ इलाकों में तनाव बढ़ गया है।
पुलिस ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
वहीं, प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है ताकि माहौल बिगड़ने न पाए।
मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील है, क्योंकि दुलारचंद यादव RJD के वरिष्ठ नेता थे और इलाके में उनकी मजबूत पकड़ थी।
रिपोर्ट से स्पष्ट — सुनियोजित तरीके से की गई हत्या
रिपोर्ट से यह भी साफ है कि दुलारचंद यादव की हत्या कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
पहले गोली मारकर उन्हें घायल किया गया ताकि वे भाग न सकें, उसके बाद गाड़ी से कुचलकर मौत की पुष्टि की गई।
इससे यह साबित होता है कि हत्यारों का उद्देश्य केवल हमला नहीं, बल्कि पूर्ण हत्या की साजिश थी।
पुलिस जांच के अगले कदम
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से कई साक्ष्य और टायर के निशान जुटाए हैं।
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच में जुटी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हत्या के वक्त कौन-कौन मौजूद था।
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज हो सकती है।
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