पटना डेस्कः लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए और कांग्रेस गठबंधन के बीच पूरे देश में कांटे की प्रचार अभियान चलाई जा रही है। पहले चरण का चुनाव प्रचार भी आज थम जाएगा। बिहार की 4 सीटों के साथ पूरे देश में 19 अप्रैल को मतदान होना है। बात बिहार की करें तो जमुई, नवादा, औरंगाबाद और गया सीट शामिल है। पहले चरण में मैदान में 38 प्रत्याशी हैं, जिसके भाग्य का फैसला होना है। आज सभी प्रत्याशियों तथा राजनीतिक दलों की ओर से आखिरी दिन का प्रचार जोर शोर से किया जना है। वहीं, राजनीतिक दलों ने पहले चरण की चार सीटों पर अपनी कमर कस ली है।
दरअसल, शुक्रवार 19 अप्रैल को बिहार की दो सुरक्षित लोकसभा क्षेत्रों गया, जमुई तथा दो सामान्य संसदीय क्षेत्रों नवादा तथा औरंगाबाद में मतदान होंगे। पहले चरण की चार सीटों पर गया में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी तथा पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत तो औरंगाबाद में वर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह तथा राजद के अभय कुशवाहा आमने-सामने हैं।
जबकि, नवादा में भाजपा प्रत्याशी विवेक ठाकुर, राजद उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा, निर्दलीय विनोद यादव तथा गुंजन कुमार समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं. जमुई में लोजपा आर के अरुण भारती तथा राजद की अर्चना कुमारी ताल ठोंक रहे हैं। एनडीए में जहां पांच दल भाजपा, जदयू, लोजपा (आर), हम व रालोमो हैं वहीं महागठबंधन में छह दल-राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, माले तथा वीआईपी। दोनों गठबंधन आपस में बेहतर समन्वय बनाकर एक-दूसरे के वोट को ट्रांसफर कराने के प्रयासों में लगे हैं।
वहीं, पहले चरण की वोटिंग को लेकर एनडीए की बूथस्तर पर समन्वय समिति बनी है। नेताओं, राज्य सरकार के मंत्रियों की सभाएं लगाई जा रही हैं। नेताओं द्वारा क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है। वहीं महागठबंधन के दलों ने भी निचले स्तर पर अपने प्रमुख नेताओं की सूची आपस में साझी की है, ताकि ग्रासरूट तक एक बेहतर तालमेल बन सके।
उधर जदयू मुख्यालय में राज्यभर की चुनावी तैयारी की रिपोर्ट जिलों से ली जाती है। जदयू की चुनाव अभियान समिति हर घटना-कार्यक्रम पर नजर रखी हुई है। आवश्यकतानुसार जिलों को समिति के द्वारा दिशा-निर्देश भी जारी होते हैं। दो दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल बैठक कर स्वयं ही पंचायत स्तर तक के पार्टी पदाधिकारियों को टास्क सौंपा है।