बिहार में चुनावी सरगर्मी: सीएम नीतीश का बड़ा फैसला, दिलीप जायसवाल की सुरक्षा बढ़ी, पप्पू यादव की घटी

🗳️ “Bihar Politics 2025 – चुनावी माहौल से जुड़े हर बड़े फैसले की खबर सबसे पहले” 🗳️

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Highlights
  • • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने दो नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया। • बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की सुरक्षा वाई से बढ़ाकर वाई प्लस श्रेणी में की गई। • पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा वाई प्लस से घटाकर वाई श्रेणी कर दी गई। • यह फैसला राज्य सुरक्षा समिति की अनुशंसा और थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट के आधार पर लिया गया। • अगस्त 2025 में भी कई नेताओं की सुरक्षा श्रेणी बदली गई थी। • वाई प्लस सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी और वाई सुरक्षा में लगभग 8 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। • सुरक्षा बदलाव को लेकर चुनावी राजनीति में चर्चाएं तेज हो गई हैं। • बीजेपी के लिए सुरक्षा बढ़ोतरी चुनावी फायदा दिला सकती है। • विपक्ष इसे ‘राजनीतिक भेदभाव’ का मुद्दा बना सकता है। • बिहार चुनाव से पहले सुरक्षा का यह फेरबदल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है। सभी पार्टियां चुनावी रणनीतियों में जुटी हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। नीतीश सरकार ने दो प्रमुख नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में अहम बदलाव किया है— बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जबकि पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा कम कर दी गई है।

सुरक्षा में बड़ा फेरबदल

गृह विभाग की विशेष शाखा से जारी आदेश के अनुसार, पप्पू यादव की पहले से दी गई वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा घटाकर वाई श्रेणी में कर दी गई है। दूसरी ओर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल को अब वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। पहले उनके पास केवल वाई श्रेणी की सुरक्षा थी।

राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को चुनावी समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

सुरक्षा समिति और थ्रेट असेसमेंट पर आधारित फैसला

यह बदलाव बिहार की राज्य सुरक्षा समिति की अनुशंसा और थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी माहौल में नेताओं की सुरक्षा जरूरतें अलग होती हैं और इसी को ध्यान में रखकर सुरक्षा में बदलाव किए जाते हैं।

अगस्त में भी हुआ था नेताओं की सुरक्षा का पुनर्मूल्यांकन

गौरतलब है कि बीते अगस्त में भी बिहार सरकार ने कई नेताओं की सुरक्षा श्रेणी बदली थी। उस समय—
• उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जेड प्लस
• नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जेड
• पप्पू यादव, प्रदीप कुमार (सांसद, अररिया) और विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को वाई प्लस
• एमएलसी नीरज कुमार सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी।

वाई और वाई प्लस सुरक्षा में क्या अंतर?

सुरक्षा श्रेणियों को चार स्तरों में बांटा जाता है— जेड प्लस, जेड, वाई प्लस और वाई।
• वाई प्लस श्रेणी: इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें 2 पीएसओ, 2-4 कमांडो और अन्य पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
• वाई श्रेणी: इसमें लगभग 8 सुरक्षाकर्मी रहते हैं, जिनमें 1-2 कमांडो और शेष पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।

यानी, पप्पू यादव की सुरक्षा में तीन से चार सुरक्षाकर्मी घट जाएंगे, जबकि दिलीप जायसवाल के सुरक्षाकर्मी बढ़ जाएंगे।

राजनीतिक समीकरणों में सुरक्षा बदलाव का असर

चुनावी माहौल में नेताओं की सुरक्षा न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा से जुड़ी होती है, बल्कि यह राजनीतिक संदेश भी देती है।
• बीजेपी के लिए सुरक्षा बढ़ोतरी: दिलीप जायसवाल को वाई प्लस सुरक्षा मिलना पार्टी कार्यकर्ताओं में विश्वास और मनोबल को बढ़ा सकता है।
• पप्पू यादव के लिए सुरक्षा में कटौती: इसे विपक्षी दल सरकार के खिलाफ मुद्दा बना सकते हैं और इसे ‘राजनीतिक भेदभाव’ कह सकते हैं।

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी हर दिन नए रंग दिखा रही है। सुरक्षा व्यवस्था में यह बड़ा बदलाव न केवल नेताओं की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि राजनीतिक माहौल पर भी असर डालेगा। चुनावी रणनीतियों और सुरक्षा रिपोर्ट के बीच सीएम नीतीश कुमार का यह फैसला आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में और हलचल पैदा कर सकता है।

Disclaimer: यह खबर मान्यताओं, सरकारी आदेश और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी निर्णय या राय के लिए आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि आवश्यक है।

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