पटनाः नीतीश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए पंचायतों और नगर निकाय के माध्यम से नियुक्त नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया है। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकार के समक्ष बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 का प्रस्ताव दिया, जिसे मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दे दी। फैसले की जानकारी कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने दी। उन्होंने बताया कि अब नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहे जाएंगे। अभी अपने ही वेतनमान में होंगे। इसके बाद परीक्षा ली जायेगी। सरकार तय करेगी कि कौन सी एजेंसी परीक्षा लेगी। कोई सरकारी एजेंसी ही परीक्षा लेगी। तीन बार परीक्षा ली जायेगी। अगर तीसरी दफे भी फेल कर गए या जानबूझ कर परीक्षा में शामिल नहीं हुए तो सरकार अलग से निर्णय लेगी। वेतनमान तय किया जायेगा. वर्तमान में अपने ही वेतनमान में राज्यकर्मी होंगे. स्थानांतरण को लेकर सरकार तीन ऑप्शन मांगेगी।
शिक्षा विभाग की इस नियमावली के गठन के बाद वर्तमान में पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था के द्वारा नियुक्त कार्यरत शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष इसके दायरे में आयेंगे. ये सभी इस नियमावली की नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से राज्य कर्मी के नए संवर्ग में शामिल होंगे.इससे प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के प्रभावी प्रबंधन और शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार होगा साथ ही शैक्षणिक वातावरण का निर्माण होगा।
बता दें, कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों को एक मामूली परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा।. इसी कड़ी में आज बिहार कैबिनेट ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023 की स्वीकृति दी है. जिसके माध्यम से मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बना दिया जायेगा।