गया: गया के टिकारी थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला अबतक नहीं सुलझा है। चार महीने से पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए पुलिस और प्रशासन के दरवाजे खटखटा रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि परिवार का आरोप है कि अरुण को जहर देकर मारा गया, जबकि पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है।
मृतक के भाई एसके सिन्हा ने आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या की गई, लेकिन पुलिस इस पहलू की अनदेखी कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि अरुण ने आत्महत्या की होती, तो सुसाइड नोट अपने घर में छोड़ने के बजाय आरोपी अशोक सिन्हा के पास कैसे पहुंचा।
परिवार के मुताबिक, 9 नवम्बर को मुहल्ले के अशोक सिन्हा ने अरुण को जहर दे दिया। इसके बाद घर लौटते ही अरुण की तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जहर के कारण हालत खराब होने की पुष्टि की। अगले दिन, 10 नवम्बर को अरुण की मौत हो गई।
एसके सिन्हा का दावा है कि 11 नवम्बर को अशोक सिन्हा उनके घर आया और कहा कि अरुण ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह 55 हजार रुपए का कर्ज नहीं चुका सका, इसलिए परिवार को वह रकम लौटानी होगी। जिसके बाद परिवार ने इस मामले में टिकारी थाना पुलिस को शिकायत दी, लेकिन एफआईआर दर्ज होने में एक महीने का समय लग गया। इसके बावजूद अब तक आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और गिरफ्तारी नहीं हुई है।
एसके सिन्हा का कहना है कि उन्होंने एसएसपी दफ्तर में शिकायत की, मेल भी भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस की इस उदासीनता से परिवार में आक्रोश है और वे अब उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। परिवार का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए।