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लाइव बिहार: जिला मुख्यालय सुपौल से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित वीरपुर अनुमंडल के अररहा निर्मली इलाके के किसान इन दिनों अपनी मेहनत और लगन से अपने घरेलू सामानों से ही कीटनाशक दवा बना रहे हैं.

खास बात ये है कि किसानों की मेहनत अब रंग ला रही है. जिसमें कम लागत से तैयार कीटनाशक अब आसपास के किसान के लिए भी उपयोगी साबित हो रहा है. इतना ही नहीं देखा देखी में अब बड़ी संख्यां में अन्य गांवो के किसान भी खुद इसे तैयार करने लगे हैं.

बताया जाता है कि शुरुआती दौर में कुछ गिने चुने किसान ही इस कीटनाशक को तैयार कर अपने खेतों में छिड़काव करते थे, लेकिन आज स्थिति बदल गयी हैं एक से दो और दो से दस बढ़ते क्रम में सैकड़ों किसानों तक पहुंच गई है. कहा जाता है कि घर में बनाये गए इस कीटनाशक से खेतों में किट का प्रभाव खत्म हो रही है.

तेजी से बदल रही इस दुनियां में आधुनिकता की मार किसानों पर भी पड़ा है. यही कारण है कि अब महंगे खाद बीज और कीटनाशक के कारण किसान चिंतित और परेशान रहते हैं. इसके बाबजूद कुछ किसानों ने अब कीटनाशक से निजात के लिए एक बड़ी खोज की है. जिससे कम लागत में घर मे ही उपलब्ध सामग्री से कीटनाशक तैयार कर रहे हैं. जो इलाके के किसान के लिए बड़ी पहल मानी जा रही है.

आम तौर पर जहां कीटनाशक दवा के बढ़ते दाम की वजह से कुछ किसानों ने अनोखी खोज की है. जिसमें अब देशी प्रयोग के सहारे घरों में ही कीटनाशक का निर्माण करने लगे है. घर में निर्मित देशी कीटनाशक दवा बाजारों में मिलने वाली दवा के समकक्ष होने से किसानों में काफी उत्साह है, बल्कि इसे बनाने वाले किसानों की तादाद भी बढ़ने लगी है. किसानों के मुताबिक घर मे तैयार कीटनाशक दवा की लागत भी कम है और इसका शरीर पर भी दुष्प्रभाव नही होता.

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