हरनौत(नालंदा): आरपीएस कॉलेज में गुरुवार को वित्त रहित शिक्षा नीति को खत्म करने के लिए आंदोलन की रणनीति को लेकर बैठक की गई। जिसमें दर्जनों की संख्या में कर्मी मौजूद थे। बैठक की अध्यक्षता वित्त रहित शिक्षक-शिक्षकेत्तर संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ उपेंद्र कुमार सिन्हा ने किया। उन्होंने कहा कि बिहार में वित्त रहित शिक्षा नीति को खत्म करने के लिए वित्त रहित शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने पुनः आंदोलन के लिए कमर कस लिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले कई संघर्षों का ही परिणाम रहा है कि 2016 एवं उसके पूर्व के बकाया अनुदान का भुगतान इंटर – डिग्री दोनों का किया गया है। 2017 का अनुदान भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। सदन में पूछे गए प्रश्नों पर शिक्षा मंत्री द्वारा वेतनमान देने की भी घोषणा की गई थी। जो अब तक लागू नहीं हुई है। वेतनमान लागू करने के लिए मोर्चा ने अपनी तरफ से मांगें रखी हैं जिनमे लंबित 7 वर्षों के अनुदान का एक मुफ्त भुगतान करने, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आदि सुविधाएं देने और सेवानिवृत्ति की आयु 5 वर्ष बढ़ाने की मांग शामिल है। इसके अलावा माध्यमिक विद्यालयों का संबंधन कोड /निलंबन आदेश को रद्द करने हेतु मोर्चा ने आंदोलन के लिए तिथि वार कार्यक्रम तैयार किया है |
इस कार्यक्रम के तहत 28 फरवरी को विधानमंडल सत्र के प्रथम दिन एक दिन की शैक्षिक हड़ताल होगी। इसके बाद 3 मार्च से एक सप्ताह तक संपर्क अभियान चलाया जायेगा जिसमे मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, विधानसभा के अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति सहित सभी राजनीतिक दलों, विधायक, विधान परिषद में विपक्ष के प्रमुख नेताओं से संपर्क का अभियान चलेगा। इस कार्यक्रम में संगठन में घटक दलों के प्रमुख नेता साथ रहेंगे। और, 10 मार्च को विधानमंडल का घेराव करना निश्चित हुआ है जिसमे सभी विद्यालय एवं महाविद्यालय को बंद कर शिक्षाकर्मी 11 बजे पटना के गर्दनीबाग़ स्थित धरना स्थलपहुंचेंगे।
संघर्ष के दूसरे चरण में 25, 26 एवं 27 मार्च को तीन दिवसीय सामूहिक उपवास, धरना गर्दनीबाग में किया जाएगा। कार्यक्रम की जानकारी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ उपेंद्र कुमार सिन्हा, जिला अध्यक्ष डॉ संगीता कुमारी एवं महासचिव डॉ विजय कुमार पांडे द्वारा संयुक्त रूप से दी गई।