लाइव बिहार: बक्सर जिले में सैकड़ों किसान के आंखे आज आंसूयों से भर गए. एक छोटी सी बिजली की चिंगारी से हजारों एकड़ गेंहू के फसल जलकर राख हो गए. जिले के डुमरांव अनुमंडल के चौंगाई प्रखंड के आमसारी और मठिला गांव के सैकड़ों किसानों की सालों की मेहनत उनकी आंखों के सामने धु- धुकर जल गयी. आग से किसानों के खेतों में लगी पकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. इस घटना से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया है. सभी किसानों का रो-रोकर बुरा हाल है. अब तो उनके सामने ‘एक दिन की रोटी’ भी कैसे मिलेगी इसकी चिंता सताने लगी है.
पूरे घटना क्रम की बात करें तो जिले के आमसारी गांव के बधार में हजारों एकड़ में लगी गेंहू की फसल तैयार थी. किसान अब फसल को काटकर अपने घर पर लाने की तैयारी में थे. इसी बीच खेतों से ऊपर गुजर रही हाईटेशन तार से गिरी चिंगारी ने किसानों के सपनों को धु-धुकर जला दिया. हालांकि की मौके पर दमकल की चार गाड़ियां पहुंची, लेकिन नाकाफी रहा. मौके पर पहुंची गाड़ियों में किसी में पानी ही नहीं था तो कोई खराब था. किसान अपने स्तर से आग पर काबू पाने की प्रयास करते रहें, लेकिन आग इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते हजारों एकड़ में लगी फसल जलकर खाक हो गयी. मौके पर जिलापरिषद और एसडीओ पहुंचे और उन्होंने किसानों को संतावना दिया है. जल्द- से जल्द मुआवजा मिल जाएंगा. ये देखने वाली बात हैं कि क्या सच में किसानों को मुआवजा मिलता है या नहीं या सिर्फ वादा ही किया गया है.
पीड़ित किसान राजेश्वर सिंह और रामकृष्ण सिंह की माने तो इस अगलगी से सबकुछ बर्बाद करके रख दिया. उन्होने अपनी बेटी की शादी इसी आस में तय कर रखी थी. खेतों में लगी गेंहू की फसल बेच कर उस रकम में बेटी की शादी बड़े ही धुमधाम से करूंगा. लेकिन अब ऐसा संभंव नहीं हो सका. उन्होंने यह भी कहा कि अब तो उनके और उनके परिवार के सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
वहीं गांव के सैकड़ों किसान कि सिसकिया रूकने का नाम नहीं ले रहा है. किसान रामकृष्ण सिंह, राजेश्वर सिंह, रमेश सिंह उर्फ लंगड़ सिंह, अंटु सिंह, हरेंद्र सिंह, धमेंद्र सिंह, ललित सिंह, मोहन जी सिंह, अक्षयवर सिंह, पप्पू पाठक, अटल सिंह, गणेश सिंह, पप्पू सिंह, बरमेश्वर चौधरी, विश्वामित्र चौधरी, अनिल सिंह, मार्कंडेय सिंह, अमिरा चौधरी, सुरेश चौधरी, रमेश चौधरी समेत गांव के सैकड़ों किसानों की फसल जलकर राख हो गयी है. किसानों की माने तो करीब करोड़ों की फसल जलकर राख हो गई. सभी की निगाहे अब सरकार की ओर टिकी है. गांव के सभी किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.