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लंबे इंतजार के बाद दरभंगा में एयरपोर्ट की शुरुआत 8 नवंबर को हुई थी. विमान सेवा शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस लेते हुए सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था. दिसम्बर का मौसम शुरू होते ही कोहरा छाने लगा है. इस वजह से विमानों को लैंडिंग करने में परेशानी होनी शुरू हो गई है. दरभंगा एयरपोर्ट पर कुहासे के कारण फ्लाइट लैंडिंग में परेशानी हो रही है, जिसकी वजह से लाइट को डाइवर्ट करना पड़ रहा है. दरभंगा एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और डीवीओआर सिस्टम के अलावे रनवे पर लाइटिंग और ग्राउंड लाइटिंग नहीं है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है.

बीते बुधवार को भी स्पाइस जेट की मुम्बई से दरभंगा आनेवाली विमान पटना में लैंड हुई थी. शुक्रवार को मुम्बई व बेंगलुरु के लिए फ्लाइट कैंसिल हो गई थी. दरभंगा व इसके आसपास के 12 जिलों के लोग पहले से बुक करवाए गए टिकट के आधार पर फ्लाइट पकड़ने तो आ रहे हैं, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसके कैंसिल हो जाने से निराश होकर वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं. सुविधाओं के अभाव को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि दरभंगा एयरपोर्ट फिलहाल सीजनल एयरपोर्ट बनकर रह जाएगा और जाड़ों के मौसम में घने कोहरों की वजह से फिलहाल इसे बंद करना पड़ सकता है.

उपस्कर अवतरण प्रणाली या ILS जमीन पर स्थापित एक सिस्टम है जो फ्लाइट्स के हवाई पट्टी पर पहुंचने के समय उन्हें उतरने में मदद करता है. ILS में रेडियो सिग्नल के जरिये लाइट को ऐसे व्यवस्थित किया जाता है, ताकि पायलट को कम विजिबिलिटी, खराब मौसम, बर्फबारी या अन्य स्थितियों में भी विमान उतारने में आसानी हो.

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