आरा: भोजपुर जिले में गंगा नदी से एक किलोमीटर के दायरे में फैले गावों को ग्राम गंगा में शामिल किया जायेगा और यहां स्वच्छता पर विशेष ध्यान देकर स्वच्छ-गंगा निर्मल गंगा के अभियान को लक्ष्य तक पहुंचाया जायेगा.
इस योजना के तहत ग्राम गंगा में शामिल गावों में जीरो बजट खेती के साथ साथ जैविक खेती के लिए किसानों को हर सम्भव मदद की जाएगी. उन्हें इसके लिए सभी सरकारी सुविधायें मुहैय्या कराई जायेंगी.
भोजपुर की उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित जिला गंगा समिति की मासिक बैठक में गंगा ग्राम से जुड़े सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि एनएमसीजी के पत्र और मानदंडों के अनुसार गंगा ग्रामों का पुनः सत्यापन किया जाय. गंगा के किनारे से एक किलोमीटर के दायरे में सभी गांवों को गंगा ग्राम के रूप में शामिल किया जाय.
अगली कड़ी के रूप में उसी के अनुसार जिला गंगा समितियों को पुनः सत्यापन के लिए सलाह दी जा सकती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि गंगा के किनारे सभी मानदंडों को पूरा करने वाले सभी गांव एनएमसीजी पहल के तहत शामिल हैं या नहीं.उप विकास आयुक्त ने निर्देश दिया कि पुनः सर्वेक्षण अक्टूबर के अंत तक पूरा कर रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाएं और गांवों को शामिल करने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट उनके जीआईएस टैगिंग के साथ एनएमसीजी और डीडीडब्ल्यूएस दोनों को भेजी जाय.
उप विकास आयुक्त ने गंगा ग्राम से जुड़े सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि गंगा में जल निकासी बिंदुओं की पहचान करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से गंगा में अपशिष्ट जल ले जाने वाले सभी छोटे बड़े नालों का सर्वेक्षण और पहचान की जाय. पहचान के बाद, इन नालों को या तो बंद किया जाय या छोड़े जा रहे अपशिष्ट जल का मानकों के अनुसार उपचार सुनिश्चित किया जाय.
डीडीसी ने बैठक में कहा कि इसके लिए एसबीएम-जी के तहत मौजूदा निधियों का उपयोग किया जा सकता है और यदि वे अपर्याप्त हैं तो प्रस्तावित कार्यों के तकनीकी रूप से स्वीकृत अनुमानों के साथ निधियों के विशिष्ट आवंटन का अनुरोध किया जा सकता है.
दोनों गतिविधियों को समयबद्ध तरीके से करने की आवश्यकता है. उसके बाद नालों की पहचान अक्टूबर के अंत तक की जा सकती है और प्रस्तावित कार्यों के अनुमानों को नवंबर के अंत तक मंजूरी दी जा सकती है. यदि आवश्यक हो तो नवंबर के अंत तक डीडीडब्ल्यूएस को अतिरिक्त निधियों का आवंटन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को निर्देशित किया गया है कि 15 नवंबर से पहले गंगा ग्राम के किसानों को जीरो बजट खेती एवं जैविक खेती का परीक्षण पूर्ण कराकर रिपोर्ट सौंप दें ताकि गंगा ग्राम से जुड़े गावों में इस पर कार्य शुरू कराया जा सके.