पटनाः बिहार में गंगा नदी एख बार फिर से अपना रौद्र रुप दिखा रही है। नेपाल और बिहार के पड़ोसी राज्यों में हो रही बारिश के कारण गंगा नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है, जिससे पटना के दियारा इलाके के 76 स्कूलों को 21 सिंतबर तक बंद कर दिया है। दूसरी तरफ औरंगाबाद में एक ही परिवार के 5 लोग नदी में बह गए, जिसमें से तीन लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि मां और बेटे अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बक्सर में गंगा के बढ़े जलस्तर ने लोगों की परेशानी बढ़ी दी है। कई एकड़ में लगे फसल पानी में समाहित हो गए हैं।
डीएम ने आदेश जारी कर जिले के 76 स्कूलों को तत्काल प्रभाव से 21 सितंबर तक बंद करने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को क्रॉस कर चुका है। बता दें कि अथमलगोला, बाढ़, दानापुर, बख्तियारपुर, फतुहा, मनेर, मोकामा और पटना सदर प्रखंड के स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पटना के मसौढ़ी में गंगा बेसिन में दरधा नदी में बाढ़ की स्थिति बन रही है। जलस्तर बढ़ने की रफ्तार 10.0 मिमी/घंटा बताई जा रही है। रात 12 बजे धारदा नदी खतरे के निशान (56.7) मीटर से 0.05 मीटर (56.75 मीटर) ऊपर बह रही है। वहीं पटना के मनेर प्रखंड के दियारा क्षेत्र के 6 पंचायतों के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सड़क से लेकर दियारा तक पानी लबालब भरा हुआ है। जहां इन पंचायतों का शहर मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से पानी से घिरे दियारा के हेतनपुर, कासीमचक, पुरानी पानापुर, मानस, नवदियरी में सड़कों और खेतों में बाढ़ का पानी एक से डेढ़ फुट ऊपर बह रहा है। सात पंचायतों के दर्जनों गांव में अब तक प्रशासन अपने स्तर से राहत का कार्य शुरू नहीं किया है। दियारा इलाके के लोगों का कहना कि सड़कों पर एक फुट बाढ़ का पानी बह रहा है और खेतों में एक-डेढ फुट पानी बह रहा है। जिससे मक्के, मंसूरी और हरी सब्जियों के फसल डूब गए हैं। इस बाढ़ को देखते हुए दियारावासी रातजगा करने को मजबूर हैं।
हालांकि, मौसम विभाग की रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश में अब मानसून कमजोर पड़ने लगा है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी महसूस होगी।
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