बिहार में बढ़ता जा रहा बाढ़ का खतरा, गंगा नदी के रौद्र रुप ने कई गांव को डुबाया, लोग पलायन करने को मजबूर

By Aslam Abbas 150 Views Add a Comment
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नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की नदियों में बाढ़ आ गई है। इसके साथ ही गंगा नदी के जलस्तर में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। जलस्तर में वृद्धि के कारण सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इससे गांव का मुख्य रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है और लोग गांव छोड़कर ऊंचे इलाकों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।

साथ ही पलायन करने वाले लोगों के पास खाने और पीने के साथ ही पशुओं को लेकर भी काफी चिंता बढ़ गई है। सभी का जीवन खेती-बाड़ी और पशुपालन पर निर्भर है। लेकिन गंगा के बढ़ते जलस्तर ने उनकी पूरी फसल डुबो दी है। खेतों में उगा चारा पानी में बह गया है और पशुओं को खिलाने के लिए अब कुछ भी नहीं बचा। कई किसान अपने मवेशियों को ऊपरी इलाकों में ले जाकर अस्थायी शरण दे रहे हैं, लेकिन वहां भी न तो चारा है, न ठिकाना।

गांव में चारों तरफ गंगा का पानी पसरा है। लोग अपने घरों का सामान, बच्चों और मवेशियों को लेकर सुरक्षित जगहों की तलाश में निकल चुके हैं। गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, और स्वास्थ्य सुविधाएं भी ठप हो चुकी हैं। संपर्क पथ जलमग्न हो जाने से कोई वाहन गांव तक नहीं पहुंच पा रहा। गनियारी टोला से कुछ ही दूरी पर रामदौली सूरदास घाट, जो कि बिदुपुर प्रखंड के अंतर्गत आता है, वहां भी पिछले तीन दिनों में गंगा नदी का जलस्तर अचानक काफी बढ़ गया है। अब सड़क और गंगा नदी एक-दूसरे से सटी दिख रही हैं। वहां के किसान भी चारे और फसलों की पूरी बर्बादी का सामना कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास सहायता की मांग की है।अब तक कोई स्थायी राहत शिविर नहीं बना है और लोग खुले आसमान के नीचे या स्कूलों में अस्थायी तौर पर टिके हुए हैं। गंगा के इस कहर ने एक बार फिर दिखा दिया है कि तटवर्ती गांवों में रहने वाले किसानों और पशुपालकों के लिए प्राकृतिक आपदा सिर्फ जल भराव नहीं, बल्कि जीवन की जंग होती है।

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