राज्य संग्रहालय सम्मेलन
- Advertisement -

बोधगया: गया संग्रहालय में कई दुर्लभ मूर्तियां हैं, जो देश के अन्य संग्रहालय में नहीं दिखता। गया संग्रहालय में संरक्षित सरस्वती की मूर्ति दुर्लभ है। यहां के अलावा लखनऊ संग्रहालय में ऐसी मूर्ति है। दोनों पत्नी के साथ कामदेव की मूर्ति अन्यत्र नहीं मिलती। गया संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ अरविंद महाजन ने उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया, इसके अलावा 7वीं-8वीं सदी की महाबोधि मंदिर का धातु निर्मित मॉडल अन्यत्र नहीं है।

डॉ महाजन ने संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा 01 से 03 अगस्त तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में युग युगीन भारत संग्रहालय पर आयोजित 3 दिवसीय राज्य संग्रहालय सम्मेलन में इसकी जानकारी दी और गया संग्रहालय से जुड़ी अन्य जानकारी साझा की। वे बिहार के उस टीम के सदस्य थे, जिसमें पटना संग्रहालय व पटना संग्रहालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इस कॉन्क्लेव में सभी 29 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की टीम ने भाग लिया और अपने संग्रहालय की जानकारी प्रस्तुत किए।

निदेशक, पुरातत्व और संग्रहालय राहुल कुमार (आईएएस) के नेतृत्व में बिहार से एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इसमें हिस्सा लिया, जिसमें क्यूरेटर, गया संग्रहालय डॉ अरविंद महाजन और क्यूरेटोरियल एसोसिएट, बिहार संग्रहालय डॉ रविशंकर गुप्ता भी साथ थे। टीम बिहार को पूर्वी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति का पुरस्कार मिला, जिसमें बिहार के साथ-साथ ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड और अन्य पूर्वी राज्य शामिल थे। इससे पहले कॉन्क्लेव का उद्घाटन संस्कृति और पर्यटन मंत्री, भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत ने सचिव गोविंद मोहन और संयुक्त सचिव सुश्री मुग्धा सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति में किया था। यूनेस्को, दक्षिण एशिया के निदेशक टिम कर्टिस के अलावा आईआईएम बैंगलोर के वरिष्ठ प्रोफेसर डी. दामोदरन भी उपस्थित थे।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here