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गया: कार्तिक मास पूर्णिमा के मौके पर हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष व बच्चों ने मोक्षदायिनी फल्गु नदी में डुबकी लगाई। इस दौरान फल्गु नदी के पूर्वी तट पर स्थित सीताकुंड, देवघाट व पिता महेश्वर घाट पर भी श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और भगवान सूर्य को प्रणाम किया। ऐसी मान्यता है कि सीताकुंड में मां सीता ने स्नान किया था। जो भी श्रद्धालु सीताकुंड में स्नान करने है, उनके परिवार को शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। हालांकि इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर सीताकुंड पर कही भी पुलिस बल की तैनाती नहीं दिखी.

स्थानीय पुजारी अनंत मिश्रा ने बताया कि फल्गु नदी के सीताकुंड घाट का महत्व इतिहास से जुड़ा हुआ है। माता सीता ससुर दशरथ के पिंडदान करने के लिए गयाजी आई थी। गयाजी के सीताकुंड आकर सीता माता ने स्नान किया था। जो भी श्रद्धालु सीताकुंड में स्नान करने आते है, उनके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में सुख, समृद्धि शांति और धन की प्राप्ति होती है। आज के दिन यहां स्नान करने का विशेष महत्व है।

वही श्रद्धालुओं का कहना है कि आज कार्तिक पूर्णिमा है। हिंदू धर्म के लिए पवित्र मास है। कोराना काल के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है। हम ईश्वर से आराधना करते हैं कि कोरोना देश से जल्द समाप्त हो जाए।

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