भागलपुर: भागलपुर सदर अस्पताल में इलाज के लिए स्मार्ट फोन जरूरी हो गया है। तभी पर्ची मिलेगी। दो रुपए की पर्ची लेने से पहले मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है, उन्हें परेशानी हो रही है। आए दिन हंगामा हो रहा है। गुरुवार को भी हुआ। कई मरीज के पास स्मार्ट फोन नहीं था, जिस वजह से उन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ा।
हालांकि अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा गार्ड को मोबाइल के साथ टोकन देने के लिए बैठाया है, पर सैकड़ों मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने एक सुरक्षा गार्ड को मोबाइल के साथ टोकन देने के लिए बैठाया है पर सैकड़ों मरीजों का रजिस्ट्रेशन होने में ही दिक्कत हो रही है। प्रबंधन ने वेटिंग हॉल में जगह-जगह भव्या एप के लिए स्कैनर लगा दिया है। इसमें आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अपलोड करना पड़ता है, इसके बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है।
यहां आने वाले अधिकतर मरीजों का कहना है कि हमलोगों को सामान्य मोबाइल चलाना नहीं आता है तो स्मार्ट फोन कैसे चला पाएंगे। पहले करीब 12 सौ मरीजों का इलाज होता था, अब 800 का हो रहा है। सुरक्षा गार्ड को महिला व पुरुषों ने रजिस्ट्रेशन के लिए घेरकर रखा था। रजिस्ट्रेशन के लिए कह रहे थे। गार्ड ने मना कर दिया तो महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया।
गार्ड ने कहा कि यह हमारा काम नहीं है, जाइए जहां करवाना है करवाएं। हालांकि कुछ देर बाद दूसरे मरीजों के समझाने पर उसने रजिस्ट्रेशन किया। बुधवार को गार्ड ने लगभग 100 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया। 2 सौ से अधिक मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा।
सदर अस्पताल परिसर में मरीज का रजिस्ट्रेशन 4 संदिग्ध युवक भी करते दिखे। ये मरीजों का मोबाइल लेकर ओटीपी समेत कई कागजात को साइट (ऐप) पर अपलोड कर रहे थे। इस दौरान मरीज का डाटा लीक हो सकता है या फिर मरीज के साथ किसी तरह की साइबर ठगी हो सकती है। जबकि रजिस्ट्रेशन कर रहे युवक ने कहा कि हम समाज सेवा के तौर पर कर रहे हैं।
सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू ने कहा कि सरकार का निर्देश है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन मोबाइल से करवाने के बाद ही इलाज करना है। हमलोगों ने बीच में मरीजों की परेशानी देखकर मैनुअल पर्चा भी दिया पर विभाग ने मना कर दिया। इसके बाद हमलोग मजबूर हैं और सरकार के निर्देश का पालन कर रहे हैं।