भागलपुर जिले में उस समय सनसनी फैल गई जब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के महादलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत मांझी (60) का शव बरारी थाना क्षेत्र के मुसहरी घाट स्थित एक खाई से बरामद हुआ। बीते पांच दिनों से लापता चल रहे मांझी को लेकर उनके परिजन लगातार तलाश में थे। परिजनों ने इस घटना को संदिग्ध बताते हुए हत्या की आशंका जताई है, जबकि पुलिस फिलहाल सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है। इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक गतिविधियों और प्रशासन दोनों को सकते में डाल दिया है।
- HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: पांच दिन से लापता थे लक्ष्मीकांत मांझी
- HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: बेटी-बेटे के बयान से बढ़ा रहस्य
- HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
- HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत पर पुलिस की जांच: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा कारण
- HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: इलाके में तनाव और राजनीतिक हलचल
HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: पांच दिन से लापता थे लक्ष्मीकांत मांझी

लक्ष्मीकांत मांझी, शाहकुंड थाना क्षेत्र के सादपुर गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार का कहना है कि वह करीब पांच दिन पहले घर से निकले थे, जिसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। घरवालों ने पहले खुद खोजबीन की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली, जिसके बाद पुलिस को भी सूचना दी गई थी।
मंगलवार सुबह जब स्थानीय लोगों ने खाई में एक शव देखा, तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची बरारी थाना पुलिस ने शव की पहचान की और उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। शव बरामद होने के बाद इलाके में भारी संख्या में लोग जुट गए और पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया।
HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: बेटी-बेटे के बयान से बढ़ा रहस्य
परिवार की तरफ से इस मौत को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
मृतक के बेटे तिलो मांझी ने बताया कि—
• उनके पिता कई दिनों से लापता थे
• आखिरी बार किससे मिले या कहाँ गए—इसकी कोई जानकारी नहीं
• अब अचानक खाई में शव मिलना एक गहरा संदेह पैदा करता है
वहीं उनकी बेटी राजकुमारी देवी, जो अस्पताल में भर्ती हैं, ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी—
राजकुमारी का कहना है कि
➡️ लक्ष्मीकांत मांझी सोमवार को ही अस्पताल में उनसे मिलने आए थे।
यह बयान घटना में एक नया मोड़ जोड़ देता है, क्योंकि परिजन कह रहे थे कि वह पांच दिन से लापता थे, जबकि बेटी के बयान के अनुसार वह सिर्फ एक दिन पहले दिखे थे। इस विरोधाभासी जानकारी से मामले का सस्पेंस और गहरा जाता है।
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HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि यह सामान्य मौत नहीं हो सकती।
उन्होंने किसी अज्ञात व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया है और कहा है कि—
• लक्ष्मीकांत मांझी की राजनीतिक सक्रियता काफी बढ़ी हुई थी
• वह कई स्थानीय मुद्दों पर आवाज उठा रहे थे
• उनकी अचानक संदिग्ध मौत कई सवाल खड़े करती है
परिजनों ने पुलिस से निष्पक्ष व तेज जांच की मांग की है।
HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत पर पुलिस की जांच: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा कारण
बरारी थानाध्यक्ष बिट्टू कुमार ने कहा कि पुलिस मामले को पूरी गंभीरता से देख रही है।
उन्होंने बताया—
• सभी संभावित एंगल से जांच शुरू कर दी गई है
• आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है
• मृतक के पिछले दिनों की गतिविधियों का भी पता लगाया जा रहा है
थानाध्यक्ष ने यह भी जोड़ा कि—
“मौत का सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।”
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HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: स्थानीय लोगों ने हादसे की आशंका जताई
जहाँ परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं, वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने प्राथमिक आशंका व्यक्त की है कि यह हादसा भी हो सकता है।
उनका कहना है कि—
• खाई के आसपास इलाका ऊँचा-नीचा है
• अक्सर लोग यहां शौच या अन्य काम से जाते हैं
• पैर फिसलकर गिरने की संभावना भी हो सकती है
हालांकि यह सिर्फ अनुमान है, पुलिस किसी भी निष्कर्ष पर अभी नहीं पहुंची है।
HAM जिलाध्यक्ष संदिग्ध मौत: इलाके में तनाव और राजनीतिक हलचल
HAM नेता की अचानक हुई संदिग्ध मौत ने राजनीतिक हलचल भी बढ़ा दी है।
स्थानीय स्तर पर लोग इसे गंभीर घटना मान रहे हैं क्योंकि लक्ष्मीकांत मांझी पार्टी के सक्रिय और प्रभावी नेता माने जाते थे।
मामले की जांच आगे किस दिशा में जाती है, यह रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल पूरा क्षेत्र शोक और तनाव के माहौल में है।
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