वरिष्ठ पत्रकार : रवि सिन्हा
आज के दौर में बाल झड़ने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। बाल झड़ना सीधे तौर पर शरीर के लिए घातक भले न हो, लेकिन इसका सबसे गहरा असर व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति पर पड़ता है। बालों के झड़ने की शुरुआत होते ही व्यक्ति तनाव में रहने लगता है और खुद को लेकर असुरक्षित महसूस करने लगता है।
महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या पहले से ही आम मानी जाती रही है, लेकिन पुरुषों में गंजापन अब एक गंभीर और तेजी से बढ़ती समस्या बन चुका है। नए जमाने में यह समस्या किसी महामारी की तरह फैलती नजर आ रही है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पुरुषों में गंजापन क्यों होता है, इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं और इससे बचाव या इलाज के क्या विकल्प मौजूद हैं।
Health Update: पुरुषों में होने वाला गंजापन क्या है?
पुरुषों में होने वाले गंजेपन को वैज्ञानिक भाषा में मेल एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया कहा जाता है। यह पुरुषों में बाल झड़ने का सबसे आम प्रकार है।
आंकड़ों के अनुसार, 50 वर्ष की उम्र तक लगभग 30 से 50 प्रतिशत पुरुष इस समस्या से प्रभावित हो जाते हैं।
इस स्थिति में धीरे-धीरे सिर के बाल पतले होने लगते हैं, हेयरलाइन पीछे खिसकने लगती है और अंततः सिर के ऊपरी हिस्से में बाल झड़ जाते हैं। अधिकांश मामलों में यह समस्या आनुवंशिक होती है और पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में चलती रहती है।
Health Update: किन कारणों से होता है पुरुषों में गंजापन?

पुरुषों में गंजेपन का सबसे बड़ा कारण आनुवंशिकी माना जाता है। माता-पिता से मिले जीन इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, विशेष रूप से मां से विरासत में मिले एक्स क्रोमोसोम पर मौजूद एंड्रोजन रिसेप्टर (AR) जीन की संवेदनशीलता गंजेपन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हालांकि, यह किसी एक जीन से होने वाली समस्या नहीं है। इसमें कई जीन मिलकर प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) नामक हार्मोन भी गंजेपन का प्रमुख कारण माना जाता है।
DHT पुरुषों के यौन विकास में सहायक होता है, लेकिन जिन लोगों में इसके प्रति संवेदनशीलता अधिक होती है, वहां यह बालों की जड़ों को कमजोर कर देता है। इससे बालों के फॉलिकल सिकुड़ जाते हैं और समय के साथ बाल पतले, छोटे और कमजोर हो जाते हैं, जो अंततः गंजेपन में बदल जाता है।
उम्र भी एक अहम कारक है। बाल झड़ने की शुरुआत किशोरावस्था के अंतिम वर्षों या बीस की उम्र की शुरुआत में भी हो सकती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा बढ़ता चला जाता है।
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Health Update: बाल झड़ने और गंजेपन के सात चरण
पुरुषों में गंजापन अचानक नहीं होता, बल्कि यह धीरे-धीरे बढ़ने वाली प्रक्रिया है। वैज्ञानिक डॉ. जेम्स हैमिल्टन और डॉ. ओ’टार नॉरवुड द्वारा विकसित स्केल के अनुसार, गंजेपन को सात चरणों में बांटा गया है।
• पहले चरण में बालों का झड़ना बहुत कम या न के बराबर होता है
• दूसरे चरण में कनपटी के आसपास हल्के बाल झड़ने लगते हैं
• तीसरे चरण में हेयरलाइन पीछे हटकर ‘M’ या ‘U’ आकार ले लेती है
• चौथे चरण में सिर के ऊपरी हिस्से यानी क्राउन पर बाल झड़ने लगते हैं
• पांचवें चरण में झड़ने वाले क्षेत्र बड़े हो जाते हैं
• छठे चरण में कनपटी और क्राउन के बाल पूरी तरह जुड़ जाते हैं
• सातवां चरण सबसे गंभीर होता है, जिसमें सिर के किनारों पर केवल बालों की पतली पट्टी बचती है
Health Update: गंजेपन का मानसिक और सामाजिक प्रभाव
बाल झड़ना केवल सौंदर्य से जुड़ी समस्या नहीं है। यह व्यक्ति के आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित करता है।
गंजापन लोगों को खुद को कम आकर्षक, ज्यादा उम्र का और असुरक्षित महसूस करा सकता है।
अक्सर माना जाता है कि महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं, लेकिन पुरुष भी भावनात्मक रूप से इससे जूझते हैं। कई मामलों में सामाजिक अलगाव, तनाव और चिंता बढ़ जाती है।
कुछ अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया का संबंध दिल की बीमारियों और मेटाबोलिक सिंड्रोम से भी हो सकता है, हालांकि इस पर अभी शोध जारी है।
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Health Update: गंजेपन का इलाज क्या है?
गंजेपन के इलाज के लिए सबसे पहले मरीज की चिकित्सीय जांच और खोपड़ी की जांच जरूरी होती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर अतिरिक्त परीक्षण भी सुझा सकते हैं।
पुरुषों में गंजेपन के इलाज के सामान्य विकल्पों में—
• दवाएं
• हेयर ट्रांसप्लांट
• प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (PRP) थेरेपी
शामिल हैं।
मिनोक्सीडिल और फिनास्टेराइड दवाएं आमतौर पर उपयोग की जाती हैं, लेकिन इनके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए किसी भी दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
Health Update: बाल प्रत्यारोपण और PRP थेरेपी
बाल प्रत्यारोपण आज के समय में एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। इसमें सिर के पीछे के हिस्से से स्वस्थ बाल निकालकर गंजे हिस्से में प्रत्यारोपित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया केवल लाइसेंस प्राप्त और अनुभवी चिकित्सा केंद्रों में ही करानी चाहिए।
वहीं, PRP थेरेपी में मरीज के रक्त से प्लेटलेट्स निकालकर उन्हें खोपड़ी में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे बालों की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है। यह स्थायी समाधान नहीं है और आमतौर पर अन्य उपचारों के साथ सहायक रूप में किया जाता है।
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