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गया: बोधगया की सुरक्षा को लेकर हाई लेवल मंथन किया जा रहा है। विश्व विख्यात बोधगया की सुरक्षा को लेकर मीटिंग हुई। इसमें देश की टॉप सुरक्षा एजेंसी एटीएस, एनएसजी के वरीय अधिकारी और जिले के एसएसपी ने सुरक्षा के बिन्दुओं पर आपस में चर्चा की है। साथ ही एसएसपी ने आगामी फैसलों को साझा किया है।

चर्चा का विषय हवाई अड्डा, गया, आईआईएम, बोध गया, कन्वेंशन सेंटर, बोध गया और अन्य प्रमुख स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करना है। बैठक में खास बात यह रही कि सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की। साथ ही सुरक्षा की नई रणनीतियों को तेजी से प्रभावी बनाते हुए, सभी महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा को और भी बेहतर बनाए जाने की बात पर भी मंथन किया गया।

खास बात यह भी है कि मीटिंग के बाद एसएसपी आशीष भारती ने गया के महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा पर लिए गए निर्णय को साझा किया। साथ ही बैठक के निष्कर्ष और नई सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा कर सभी पदाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

बता दें कि बोध गया आतंकियों के निशाने पर लंबे समय से रहा है। अब-तक दो बार घटना को अंजाम देने की कोशिश की गई है। पहली दफा 7 जुलाई 2013 को महाबोधि मंदिर परिसर में 10 की संख्या में सीरियल बम ब्लास्ट की वारदात हुई थी। इसमें 5 लोग जख्मी हुए थे। पांच में से दो मॉन्क थे। इस पूरी आतंकी घटना की जांच एनआईए ने की थी। इस आतंकी घटना में मंदिर को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। इसके बाद से बोध गया और खासकर महाबोधि मंदिर परिसर की सुरक्षा सख्त कर दी गई है।

दूसरी घटना 22 जनवरी 2018 को हुई थी। आतंकियों ने बम प्लांट किए थे। उस दौरान बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा बोध गया में ही प्रवास पर थे और उनका प्रवचन कार्यक्रम भी चल रहा था। हालांकि, इस बार समय रहते ही महाबोधि परिसर में सुरक्षा में तैनात जवानों अधिकारियों ने आतंकियों के मंसूबों को विफल कर दिया था। इन दोनों घटना के बाद से हवाई अड्डा से लेकर महाबोधि मंदिर परिसर और बोध गया की सुरक्षा को लेकर अक्सर जरूरत के हिसाब से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

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