पटना डेस्कः बिहार के गालीबाज आईएएस अधिकारी के वीडियो वायरल होने के बाद से पूरे बिहार के प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई थी। जिसके बाद अधिकारी के साथ ही सरकार के भी काफी कीरकिरी हुई थी। दरअसल आईएएस अधिकारी केके पाठक ने भरी मीटिंग में बिहार के ही अधिकारियों की मां-बहन कर दी थी. जिसका वीडियो सामने आछा था। लेकिन राज्य सरकार ने अब तक केके पाठक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. सरकार अब उसे तलाशने में लग गयी है जिसने गाली देते केके पाठक का वीडियो बनाकर लीक कर दिया. बिहार पुलिस का खास दस्ता इस बात की जांच करेगा कि केके पाठक का वीडियो कैसे लीक हो गया. वीडियो बनाने औऱ उसे वायरल करने वालों को शायद ऐसी सजा दी जायेगी जिससे आगे दूसरा ऐसी हिम्मत न करे.
बिहार में पुलिस का खास दस्ता है आर्थिक अपराध इकाई यानि ईओयू. इसका काम ब़ड़े स्तर पर हो रही गड़बड़ी की जांच करना है. लेकिन अब यही ईओयू ये पता लगा रही है कि केके पाठक का गाली देते वीडियो किसने बनाया औऱ फिर लीक कैसे हुआ. जांच के पीछे मकसद शायद यही है कि आगे से कोई किसी ऑफिसर की गाली गलौज पर आवाज उठाने की हिम्मत न करे.
दिलचस्प बात जानिये. ईओयू ने ये जांच बिहार लोक सेवा एवं ग्रामीण विकास संस्थान यानि बिपार्ड की शिकायत के बाद शुरू की है. केके पाठक सरकार की इस संस्था के प्रमुख हैं जिसका मुख्य काम अधिकारियों को ट्रेनिंग देना है. मजेदार बात ये है कि गालीगलौज का जो वीडियो लीक हुआ था वह बिहार सरकार के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की बैठक का था. केके पाठक इस विभाग के भी अपर मुख्य सचिव हैं. लेकिन मद्य निषेध विभाग की बैठक का वीडियो लीक होने की शिकायत बिपार्ड ने दर्ज करायी और बिहार सरकार की ईओयू ने तत्काल जांच भी शुरू कर दी.
बिपार्ड गया के संकाय आर्य गौतम ने आर्थिक अपराध इकाई यानि ईओयू में शिकायत दर्ज कराई है. यह शिकायत कुछ दिनों पहले वायरल हुए वीडियो को लेकर है. इस वीडियो में बिपार्ड के महानिदेशक सह उत्पाद एवं मद्य निषेध के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को गाली गलौज करते सुने औऱ देखे जा रहे थे. अब ईओयू इस वायरल वीडियो की जांच कर ये पता लगायेगी कि वीडियो लीक कैसे हुआ.
बिपार्ड की ओर दर्ज करायी गयी शिकायत में कहा गया है कि किसी वरीय अधिकारी की बैठक की चोरी छिपे रिकॉर्डिंग करना ऑफिशियल सीक्रेक्ट एक्ट का उल्लंघन है. ऐसे में वीडियो बनाने औऱ लीक करने वाले पदाधिकारी की पहचान कर कार्रवाई की जाए. ईओयू ने आनन फानन में डीएसपी रैंक के पदाधिकारी को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया है. ईओयू ने शिकायत दर्ज कराने वाले बिपार्ड के पदाधिकारी को सारे सबूत के साथ बुलाया है. सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.