आरा: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंगिभूत एवं संबद्धताप्राप्त कालेजों से इंटर की पढ़ाई बंद किये जाने से कालेजों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. नई शिक्षा नीति के तहत उच्चत्तर शिक्षण संस्थानों से इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है. इससे वीकेएसयू के कॉलेजों को प्रति वर्ष 38 लाख रुपये से अधिक की आय होती थी. वीकेएसयू में फिलहाल 19 अंगीभूत और 61 संबद्धता प्राप्त कॉलेज हैं. इन कालेजों से अब इंटर की पढ़ाई पिछले साल से पूरी तरह बंद कर दी गई है.
प्रत्येक कालेज में लगभग 1024 छात्र छात्राओं का नामांकन होता था. इससे कॉलेज की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती थी. वीकेएसयू के इन उच्च संस्थानों में इंटर की पढ़ाई बंद किये जाने से कालेजों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. सबसे अधिक असर सम्बद्ध डिग्री कालेजों पर पड़ा है. संबद्ध डिग्री कालेजों की आधारभूत संरचना से लेकर सभी तरह के विकास के कार्य आंतरिक स्रोत की राशि से ही होता था . इसमें इंटर की पढ़ाई से बड़ी राशि कालेजों को प्राप्त होती थी. अंगिभूत कालेजों के आधारभूत संरचना और अन्य विकास सम्बन्धी कार्यों के लिए राज्य सरकार,यूजीसी और रूसा से बड़ी राशि मिलती रहती है.
अकेले भोजपुर जिला के कॉलेज में इंटर मे प्रत्येक साल लगभग 30 हजार से अधिक सीटों पर नामांकन होता था. इससे कालेजों की आंतरिक स्रोत की राशि में बढ़ोतरी होती थी. महाराजा कॉलेज आरा के प्राचार्य प्रो. डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि पहले इंटर के लिए कॉलेज में 512 सीट निर्धारित था लेकिन बाद के दिनों में यह सीटों की संख्या बढ़कर 1024 तक पहुंच गई. नामांकन से प्राप्त होने वाली आय ही कॉलेज की आंतरिक स्रोत को मजबूत करती थी.
अब इन कालेजों में इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है तो कालेजों का आतंरिक स्रोत प्रभावित हुआ है. सबसे खराब स्थिति संबद्ध डिग्री कॉलेजों की हुई है. यहां एक ही बिल्डिंग में डिग्री और इंटर कॉलेज संचालित होते थे. अब जबकि यहां से इंटर की पढ़ाई बंद की गई है तो इंटर कालेजों का अस्तित्व ही खत्म हो गया है. ऐसे कालेजों के शिक्षक और कर्मचारी पूरी तरह सड़क पर आ गए हैं. राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली अनुदान की राशि भी बंद हो चुकी है. ऐसे में संबद्ध डिग्री कॉलेजों के साथ साथ चल रहे इंटर कॉलेज का अस्तित्व पिछली शताब्दी के 80 के दशक में पहुंच गया है. जहां से शुरुआत की थी, वहां पहुंच गए.