बिहार विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने वाले और भ्रामक पोस्ट को रोकने की फेसबुक ने तैयारी कर ली है। मतदाताओं को भ्रम में डालनेवाले, डराने या किसी दूसरी तरह से प्रभावित करने वाले पोस्ट को जांच के बाद फेसबुक साझा नहीं होने देगा।
फेसबुक के चुनाव विंग की भारत व दक्षिण एशिया की प्रमुख नताशा जोग ने बताया कि बिहार चुनाव कोरोना संकट में हो रहा है। इसलिए स्वास्थ्य संबंधी कोई भी भ्रामक जानकारी फेसबुक साझा नहीं होने देगा। ऐसे मामलों में पोस्ट शेयर करने की अनुमति नहीं देगा, जिसमें मतदान पर सीधा असर पड़े। जैसे यदि कोई व्यक्ति यह कहता है कि मैं कोविड-19 को लेकर चिंतित हूं और इसलिए मतदान करने नहीं जा रहा हूं या ईवीएम सैनेटाइज नहीं है, इसलिए मैं उसका उपयोग करने का जोखिम नहीं उठाऊंगा, ऐसे पोस्ट को फेसबुक अनुमति नहीं देगा। उपयोगकर्ता सही और गलत के बारे में जानें, यह प्रयास रहेगा। इसके अलावा इस बार अधिकाधिक उपयोगकर्ताओं को मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा। चुनाव की तिथियों की जानकारी भी होमपेज पर बार-बार फ्लैश होगी।
फेसबुक इलेक्शन विंग की कंट्री हेड नताशा ने बताया कि होम पेज पर ऊपर दाहिने में कंप्लेन का ऑप्शन आता है। इस सेक्शन में यूजर्स कंप्लेन कर सकता है। साथ ही अगर यूजर्स को लगता है कि पोस्ट सही नहीं है तो वह रीवोक कर सकता है। फेसबुक सभी कंप्लेन और शिकायतों पर विशेष रूप से ध्यान देता है। ऐसे पोस्ट की चेकिंग कर ऐसे पोस्ट को डिलीट करता है। इस वर्ष 2020 के जून तक फेसबुक ने कुल 22.5 मिलियन पोस्ट हटाए हैं।
विधानसभा चुनाव में स्थानीय और रोचक जानकारी पर भी फेसबुक विशेष फोकस करेगा। बिहारी मतदाताओं को चुनाव में अधिक भागीदार बनाने के लिए फेसबुक कोरोना काल में हुए न्यूजीलैंड व साउथ कोरिया के चुनाव की तर्ज पर यहां भी जागरूकता फैलाएगा। उपयोगकर्ताओं को मतदान के लिए बार-बार रिमांइडर भी भेजा जाएगा। इसको फेसबुक की ओर से वोटर डे रिमाइंडर नाम दिया गया है। उधर, फेसबुक के चुनाव विंग की कंट्री हेड ने दावा किया कि फेसबुक भारतीय निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर जागरूकता के लिए भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि फेसबुक देश में वर्ष 2018 से लागू पॉलिटिकल ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने को लेकर भी काम करेगा। फैक्ट चेक करने को लेकर इस प्लेटफॉर्म पर 11 भाषाओं में काम हो रहा है।