गणेश दत्त पाठक (वरिष्ठ पत्रकार )
कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा शर्मनाक करतूत के द्वारा पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी गई। भारत ने जवाबी कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया। जैसा कि उम्मीद थी भारत और पाकिस्तान के बीच जंग का माहौल बन चुका है। तमाम अंतराष्ट्रीय दवाब के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में भारत की सेनाएं जहां अपना शौर्य और पराक्रम का परिचय देकर जहां पाकिस्तान को जबरदस्त पटखनी दे रही है। वहीं लग रहा है कि एक लंबे युद्ध का सामना करना पड़े। जंग के माहौल में हम नागरिकों के क्या दायित्व होने चाहिए? इस विषय पर विचार मंथन लाजिमी है।
आज का दौर सोशल मीडिया का है। कई ऐसे रिल्स और पोस्ट वायरल हो रहे हैं जो विशुद्ध तौर पर फेक हैं और गलत नैरेटिव का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। आम जनता का यह दायित्व बनता है कि जंग के इस माहौल में किसी भी गलत वीडियो या कंटेंट को शेयर करने में सावधानी बरतें। क्योंकि भ्रामक तथ्यों के प्रसार से हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव तो पड़ता ही है। साथ ही समाज में पैनिक भी क्रिएट होता है। भारतीय रक्षा विभाग द्वारा इस तरह की एडवाइजरी भी जारी की जा रही है। किसी भी सूचना को प्रसारित करने में थोड़ा धैर्य बरता जाए। साथ ही सुरक्षा बलों के किसी भी गतिविधि से सम्बंधित किसी भी वीडियो या तस्वीर को तो किसी भी हालत में साझा नहीं करना चाहिए। इस तरह के निर्देश सरकारी स्तर से समय समय पर जारी किए जा जा रहे हैं। इस समय हम सभी का राष्ट्रीय कर्तव्य है कि सोशल मीडिया या इंटरनेट पर सावधानी, सतर्कता और सजगता का आचरण बरता जाए। जंग के इस माहौल में समय समय पर सरकारी स्तर पर कई दिशा निर्देश जारी किए जाते रहेंगे। इस संदर्भ में हम नागरिकों को इन निर्देशों का सम्मान करना चाहिए। क्योंकि ये निर्देश हमारी सुरक्षा और देश की सुरक्षा के निमित ही होंगे।
जंग के दौरान कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था की जाती है। मसलन कभी आग लगने या भयंकर विस्फोट की स्थिति में। ऐसे में जो भी आपातकालीन व्यवस्थाएं सरकारी स्तर पर बनाई जाती है या निर्देश जारी किए जाते हैं तो एक सजग और सचेत नागरिक के तौर पर हमारा दायित्व बनता है कि ऐसी आपातकालीन व्यवस्थाओं के संधारण में हम सहयोगी बनें या उन व्यवस्थाओं का लाभ उठाने का प्रयास करें। कभी ऐसी भी स्थिति आ सकती है कि आग लगे या बम विस्फोट हो तो हम लोगों को घायलों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही अपने निकट मित्रों और परिवारजन, रिश्तेदारों के संचार में रहना चाहिए और जरूरी तथा विश्वस्त सूचनाओं का प्रचार प्रसार करना चाहिए। एक दूसरे के साथ सुरक्षा संबंधी सूचनाओं को साझा करना चाहिए।
जंग के दौरान सबसे बड़ा नागरिक कर्तव्य होता है कि हम किसी अफवाह के न तो चंगुल में फंसे और न ही उसका प्रचार प्रसार करें। आज के सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में भ्रामक सूचनाओं के बाढ़ आने की आशंकाओं होती है। इसलिए हर सूचना की पड़ताल करके ही उस पर विश्वास करना चाहिए। अफवाह के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती देने के भरपूर प्रयास होंगे। शत्रु पक्ष द्वारा झूठी खबरों का प्रसार खूब किया जाएगा। हम सभी को सचेत और सतर्क रहना होगा।
जंग के माहौल में देश की सीमाओं पर सेनाएं लड़ रही होती है। ऐसे में कुछ असामाजिक और आतंकी तत्व यह भरपूर प्रयास कर सकते हैं कि देश में आंतरिक स्तर पर अशांति उत्पन्न की जाए। इसके लिए हो सकता है कि भ्रामक सूचनाओं के प्रसार द्वारा आपसी सद्भाव और सौहार्द के माहौल पर प्रहार करना चाहें। अभी के दौर में हर नागरिक का यह प्रथम कर्तव्य है कि देश के किसी भी हिस्से में कोई भी संदिग्ध गतिविधि कहीं भी देखें तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करे। सभी नागरिकों को आपसी सद्भाव और सौहार्द को कायम रखने में अपनी भूमिका निभाना चाहिए। किसी भी तरह के धार्मिक स्तर के विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। यह समय सद्भावना और सौहार्दपूर्ण व्यवहार का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सम्मान देने का है।
जंग के माहौल में हमारे सुरक्षा बल हमारे सेना, वायुसेना, नौसेना के जवान और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी सुरक्षा को सुनिश्चित करने में लगी है। ऐसे में हम सभी का यह राष्ट्रीय दायित्व बनता है कि हम स्वयं के तौर पर अपनी सुरक्षा के संदर्भ में सचेत रहें। जब भी सायरन आदि बजे तो सुरक्षित स्थान पर चले जाय। ब्लैकआउट के समय सभी लाइट को बंद कर दें। एक आपातकालीन कीट सदैव तैयार रखें जिसमें जरूरत के समान टॉर्च, और दवाएं आदि हो। हमारा यह नागरिक के तौर पर यह भी दायित्व है कि हम सुरक्षित स्थानों की जानकारी स्वयं के तौर पर रखें। आवश्यकता पड़ने पर वहां जाने से हिचके नहीं। कुछ संचार उपकरणों को तैयार रखें और उनका उपयोग करने के लिए भी तैयार रहें।
सामुदायिक स्तर पर मॉक ड्रिल में शामिल हो और सुरक्षा उपायों के बारे में हर नागरिक को जानकारी रखना चाहिए। मसलन हवाई हमले के दौरान यदि सुरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं हो रहा हो तो दीवारों के पास रहने का प्रयास करना चाहिए। खिड़कियों से दूर रहना चाहिए। यदि आप खुले में हो तो नीचे लेट जाए या झुक जाएं और अपने सिर को ढक लें। इस तरह के अभ्यास के बारे में परिवार के स्तर पर नियमित संवाद भी होना चाहिए। कही भी भीड़ का हिस्सा नहीं बने। हर स्तर पर सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें। बहुत ही जिम्मेवारी पूर्वक काम करें। किसी के बहकावे में नहीं आएं।
परिवार के स्तर पर मित्रों के साथ और अपने रिश्तेदारों के साथ समय समय पर बात करके सकारात्मक जानकारियों को साझा करना चाहिए और गलत, भ्रामक सूचनाओं के बारे में संकेत करना चाहिए। जंग के माहौल में सकारात्मक सामुदायिक और पारिवारिक संवाद विशेष तौर पर महत्वपूर्ण होता है।
देश से बड़ा कुछ नहीं होता है और जब देश पर संकट आया हो तो हर नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने दायित्व का सम्यक निर्वहन करें। नागरिकों के समर्थन से देश की सुरक्षा के संदर्भ में महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होता है। जब हमारी सुरक्षा एजेंसियां दिन रात हमारे देश की सुरक्षा के लिए प्रयासरत हैं तो हमारा भी राष्ट्रीय कर्तव्य बनता है कि हम जागरूक, सचेत और सतर्क रहें।