- Advertisement -

पटनाः अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने इतिहास रच दिया है। आज पहली बार भारत के कदम चाँद पर पड़े हैं। इस तरह आज चंद्रयान-3 के लैंड होते ही भारत ऐसा करने वाला अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथा देश बन गया। जबकि भारत चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। आज लैंडिंग के साथ ही लैंडर विक्रम अपना काम शुरू कर देगा।

चांद पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। इस वजह से चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों तक चांद की सतह पर रिसर्च करेगा। चंद्रमा के साउथ पोल पर बने गड्ढों में 2 अरब वर्षों से सूर्य की रोशनी नहीं पहुंची है।

यहां का तापमान -230 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। बेहद कम तापमान के कारण यहां की मिट्टी में जमा चीजें लाखों वर्षों से वैसी ही हैं। यहां की मिट्टी की जांच से कई नई चीजें सामने आएंगी।

माना जा रहा है कि यहां पानी बर्फ के रूप में मौजूद हो सकती है। चंद्रयान-3 की रिसर्च से सौर परिवार के जन्म, चंद्रमा और पृथ्वी के जन्म के रहस्यों जैसी कई बातों का पता चल सकता है। 25 सितंबर 2009 को भारत के इसरो ने चांद पर पानी होने की घोषणा की थी। चांद पर पानी है तो वहां बेस भी बनाया जा सकता है। ऐसे में चंद्रयान-3 द्वारा की गई खोज काफी अहम होगी।

मिशन के सफल होने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों को बधाईयों का ताँता लगा है। आज सबेरे से देश के अलग अलग हिस्सों में लोग इसके सफलता के लिए पूजा अर्चना कर रहे थे।  वहीँ ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने गए प्रधानमन्त्री मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here