- Advertisement -

भारत में रोगियों का अस्पतालों में तस्ल्लीबख्श इलाज किस तरह से होइस मसले पर नए-नए सुझाव सामने आते रहते हैं। सब अपने-अपने अनुभव और जानकारी के हिसाब से बताते हैं कि रोगियों को हम किस तरह से उच्च कोटि का इलाज दे सकते हैं। पर सारी बहस में हेल्थ सेक्टर की जान नर्सो के योगदान और उनके हितों की चर्चा कहीं पीछे छूट जाती है। यह बात ध्यान रखने की है कि अपने पेशे के प्रति निष्ठावान नर्सों के बिना रोगियों को सही ढंग से इलाज ही संभव नहीं है। इसलिए नर्सों की ट्रेनिंग और इनकी पगार और दूसरी सुविधाओं, खासकर इनके साथ होने वाले विनम्र व्यवहार पर खास देते रहना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का मानना है कि एक हजार की आबादी पर चार नर्से लाजिमी तौर पर होनी चाहिए। भारत अभी तक इस स्थिति तक नहीं पहुंचा है। भारत में एक हजार लोगों पर औसत दो ही प्रशिक्षित नर्से उपलब्ध हैं।

भारत को अपने हेल्थ सेक्टर को बेहतर बनाने के लिए नर्सिंग क्षेत्र को और सशक्त बनाना होगा। हमारे यहां हर साल करीब ढाई लाख नई नर्से प्रशिक्षित होकर आ जाती हैं। यह बहुत साफ है कि नर्सें किसी भी देश के हेल्थ सेक्टर की जान होती हैंजो रोगी की देखभालउपचार का संचालन और रोगी के मनोबल को बढ़ाकर उन्हें स्वस्थ करने में अहम रोल निभाती हैं। भारत में नर्सों की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। नर्स अपने आप में डॉक्टरों से कोई बहुत पीछे नहीं होती, रोगियों का इलाज करने में। उदाहरण के रूप में कैंसर रोगियों का इलाज करने के लिए विशेष ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है। ऑन्कोलॉजी नर्सों को उपचार का संचालन करनेदुष्प्रभावों का प्रबंधन करने और रोगियों और उनके परिवारों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करने में कुशल होना चाहिए। इसी प्रकार किडनी या लिवर ट्रांसप्लांट के मरीजों को संक्रमण (इन्फेक्शन) से बचाना एक बड़ी समस्या है जिससे निपटने के लिये प्रशिक्षित नर्सें ही प्राणरक्षक का कार्य करती हैं।

अंग्रेज नर्स ‘‘फ्लोरेंस नाइटिंगल’’ विश्व में आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाती हैं। बेशकनर्सं किसी भी देश की चिकित्सा प्रणाली का जरूरी अंग हैं। यह रोगियों की जांच में फिजिशियनों एवं ऑपरेशन के दौरान भी सर्जनों की सहायता करती हैंफीवर और बल्ड शुगर, ब्लड प्रेशर, पल्स रेट आदि नियमित रूप से रिकॉर्ड करती हैं, रोगियों को दवा खिलाने/पिलानेइंजेक्शन देने का कार्य करती हैं, घावों की पट्टियां बदलती हैं और रोगियों के उपचार का रिकॉर्डतापमानपल्स रेटपोषाहारसुधार आदि का रिकॉर्ड भी रखती हैं।

अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूदनर्सों को अक्सर उनके योगदान के लिए बहुत कम पहचान मिलती है और उनके पेशेवर विकास के अवसर भी कम ही होते हैं। यह सबको पता है कि भारत में अधिकतर नर्स केरल से आती हैंयूरोप और अमरीका में फिलीपींस से। दोनों ही स्थान समंदर के किनारे बसे हैं। यह अपने घरों को और बाल-बच्चों परिवार को देखने के अलावा नाइट-ड्यूटी भी करती हैं। फिलीपींस और केरल दोनों से हर साल हजारों नर्सें निकलती हैं। नर्सें  भारत के विभिन्न भागों अलावा अरब खाड़ी के अन्य देशों में जातीं हैं। फिलीपींस वाली नर्सें ज्यादा पसंद करती हैं अमरीका और यूरोप। इन दोनों जगहों की नर्सों ने अपनी मेहनत और लगन से सारी दुनिया में अपना नाम कमाया है।  दिल्ली का सेंट स्टीफंस अस्पताल गुजरे सवा सौ सालों से रोगियों का इलाज कर रहा है। यहां की नर्सों को इस अस्पताल को स्थापित करने वाली संस्था दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी की तरफ से सीख मिलती रही है कि जनसेवा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इसके चलते सेंट स्टीफंस अस्पताल या इसे छोड़कर किसी अन्य जगह पर जाकर काम करने वाली नर्से हमेशा रोगियों के साथ खड़ी रहती हैं।

अगर आप खेलों की दुनिया को करीब से नहीं भी जानते हैं तो भी आपने भारत के मशहूर धावक अमोज जैकब का नाम सुना होगाहो सकता है कि कि आप कहें कि नर्सों की चर्चा करते हुए हम भटक तो नहीं रहे। यह बात नहीं है। जैकब उस भारतीय पुरुष 4×400 रिले टीम के मेंबर थे जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नए राष्ट्रीय और एशियाई रिकॉर्ड के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में भी भाग लिया था। अमोज जैकब की मां राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल में हेड नर्स हैं। अमोज जैकब कहते हैं कि मेरी मां ने दिन-रात रोगियों की सेवा करते हुए मुझे भी हमेशा प्रोत्साहित किया कि मैं बेहतरीन धावक बन जाऊं।

अब तो भारत के सभी प्रदेशों से नर्से आ रही हैं खासकर पहाड़ी प्रदेशों उत्तरांचल, मणिपुर, अरुणाचल, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम आदि से। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल कहते हैं कि केरल की नर्सों की अब भी सब जगहों में बहुत मांग है। वह जहां जाती हैंवहां पर केरल का नाम रोशन भी करती हैं। उन्हें बेहतर सेवा करने के बदले में अच्छी से अच्छी सैलरी भी मिलनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसारकरीब साढ़े छह लाख भारतीय नर्से देश से बाहर जाकर काम कर रही हैं। जाहिर हैं कि इतनी बड़ी संख्या में नर्सों के देश से बाहर काम करने से देश में और उनके परिवारों में पर्याप्त काफी विदेशी मुद्रा आती ही होगी।

भारत की सबसे बड़ी लक्जरी कारें और बसें उपलब्ध करवाने वाली मान ट्रांसपोर्ट कंपनी के चेयरमेन अमृत मान तो नर्सों की बात होते ही बहुत भावुक हो जाते हैं। वे बताते हैं कि अगर उनकी राजधानी के जयप्रकाश नारायण अस्पताल    (पहले इरर्विन अस्पताल) में हेड नर्स के रूप में काम करने वाली मां ने उनका साथ न दिया होता तो वह अपने को स्थापित नहीं कर पाते। अमृत मान की मां ने अपने बेटे को अपनी रिटायरमेंट के वक्त मिले पैसे से टैक्सी दिलवाई। उसके बाद अमृत मान ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी कंपनी ही जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत सरकार को लक्जरी कारें और बसें उपलब्ध करवा रही थी।

भारत मेंनर्सिंग एक ऐसा पेशा है जो महिलाओं द्वारा बड़े पैमाने पर चुना जाता है। इस क्षेत्र में पुरुष नर्सों की भूमिका अभी भी ऐसे क्षेत्रों तक सीमित हैजिसमें रोगियों को उनकी न्यूनतम आवश्यकता होती है जैसे आई.सी.यू.। अभी भी विशेष रूप से प्रसूति एवं महिला रोग विज्ञान विभाग में पुरुष नर्सों को स्वीकार नहीं करते। जानकार मानते हैं कि भारत में एक लाख सहायक नर्स (मिडवाइफों) तथा चार लाख सामान्य नर्स (मिडवाइफों) की कमी है।

 आप भी मानेंगे कि इस तरह के बहुत भाग्यशाली ही लोग होते हैंजिन्हें कभी अस्पताल में जाना नहीं पड़ता। उन कठिन दिनों में हमें नर्स की सेवा और उनकी मुस्कान से कितनी राहत मिलती हैयह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। इसलिए यह परम आवश्यक है कि नर्सो के चेहरों मुस्कान बनाए रखने के लिए सरकार और समाज इनके हितों को देखे।

जब मैं बहुत ही बीमार था और मेरा किडनी प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) हुआ था, मुझे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल और सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में महीनों बिताने पड़े थे। नर्सों के व्यवहार और उनकी मुस्कुराहट का मेरे स्वास्थ्य लाभ में बड़ा योगदान है। लेकिन, यदि आप उनका व्यवहार बढ़िया हो, ऐसा छह रहे हैं, तो आपको भी उन्हें अपनी बेटी और बहन की तरह ही मान कर व्यवहार करना होगा। वे कितनी ज्यादा प्रेशर में आठ घंटे भागती रहती हैं, इसका भी ध्यान रहे।

ये भी पढ़ें…यूक्रेन में भरोसे की नई लकीर खींच आए मोदी: युद्ध विराम के लिए भारतीय प्रधानमंत्री पर टिकी निगाहें

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here