500 कंपनियों की पूंजी 36 कारोबारी दिनों में 34 लाख करोड़ घटी, दवाईयां हो सकती है महंगी

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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई-500 कंपनियों के विश्लेषण से पता चलता है कि 447 शेयरों में सालाना आधार पर उनके बाजार पूंजीकरण में कमी आई है। केवल 53 कंपनियों के शेयरों की पूंजी दिसंबर की तुलना में ज्यादा रही है। घरेलू शेयर बाजार में इस साल 36 कारोबारी दिनों में से 21 मौकों पर बाजार में गिरावट आई है। इसका असर यह हुआ है कि बीएसई-500 सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 34 लाख करोड़ रुपये घटकर 353.31 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। दिसंबर के अंत तक पूंजी 387.18 लाख करोड़ रुपये थी।

2025 में जिन प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है, उनमें सभी क्षेत्र शामिल हैं। टाटा समूह की ट्रेंट की पूंजी जहां 71,076 करोड़ रुपये घटी है, वहीं एसबीआई को 65,194 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जोमैटो को 59,832 करोड़, टीसीएस को 59,499 करोड़ रुपये) और एचडीएफसी बैंक को 58,833 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

एचसीएल टेक की पूंजी 56,322 करोड़ रुपये, सीमेंस की 55,272 करोड़, एलएंडटी की 50,852 करोड़ रुपये और वरुण बेवरेजेज की 50,812 करोड़ रुपये पूंजी गिर गई है। आईटीसी को सबसे ज्यादा 91,000 करोड़ रुपये की कमी का सामना करना पड़ा है। इस कंपनी के शेयरों में इतनी गिरावट आई है, क्योंकि इसने अपने कुछ कारोबारों का एक में विलय कर दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उनका इरादा सेमीकंडक्टर्स और फार्मा आयात पर 25% या इससे अधिक शुल्क लगाने का है। उसके बाद के एक वर्ष में इसे और बढ़ाया जाएगा। इस घोषणा के बाद बुधवार को घरेलू फार्मा कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखी गई। 20 फर्मा शेयरों में से 12 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।

राजस्व के हिसाब से भारत की शीर्ष दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा का शेयर दो फीसीद तक और डॉ. रेड्डीज का शेयर 4 फीसदी गिरकर बंद हुआ, जो जून के बाद सबसे निचला स्तर है। अरबिंदो फार्मा 6 फीसदी गिरकर लगभग एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। सिप्ला का शेयर 2.2 फीसदी टूटकर बंद हुआ। इस साल अब तक फार्मा शेयरों में लगभग 12 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी 50 में केवल चार फीसदी की गिरावट आई है।

इस हफ्ते की शुरुआत में सन फार्मा के एमडी दिलीप सांघवी ने बताया अगर टैरिफ लगाया जाता है, तो उसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा। वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका को भारत का फार्मा निर्यात 8.73 अरब डॉलर रहा। 2022-23 की तुलना में यह लगभग 16 प्रतिशत अधिक है। यानी कुल उद्योग का करीब 31 फीसदी निर्यात अमेरिका में ही होता है।

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