Indigo Flights Crisis भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के लिए पिछले एक हफ्ते से लगातार चुनौती बना हुआ है। कंपनी भले दावा कर रही हो कि उसका नेटवर्क सामान्य होने की ओर है, लेकिन स्थिति अभी भी यात्रियों के लिए परेशानी और अनिश्चितता से भरी हुई है। आठवें दिन भी इंडिगो ने 100 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं। इससे पहले एक सप्ताह में एयरलाइन 4500 से ज़्यादा फ्लाइट्स रद्द कर चुकी है, जिससे लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाएँ प्रभावित हुईं। दक्षिण भारत के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अव्यवस्था बनी हुई है और अब केंद्र सरकार भी इस मामले में कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
- Indigo Flights Crisis: 100+ उड़ानें रद्द, 8 दिन बाद भी सामान्य नहीं हालात
- Indigo Flights Crisis: दक्षिण भारत के एयरपोर्ट्स पर सबसे ज्यादा असर
- Indigo Flights Crisis: सरकार की सख़्ती—जांच शुरू, स्लॉट कम होने के संकेत
- Indigo Flights Crisis: इंडिगो का दावा — नेटवर्क 90% बहाल, रिफंड और लगेज रिटर्न जारी
- Indigo Flights Crisis: संकट कब खत्म होगा? अभी अनिश्चितता बरकरार
Indigo Flights Crisis: 100+ उड़ानें रद्द, 8 दिन बाद भी सामान्य नहीं हालात
इंडिगो की आधिकारिक वेबसाइट पर 9 दिसंबर को जारी जानकारी के अनुसार, एयरलाइन ने देशभर में 100 से अधिक उड़ानें कैंसिल की हैं। इनमें सबसे अधिक प्रभाव चेन्नई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम जैसे दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों पर दिखाई दिया।
पिछले 7 दिनों में 4500 से भी ज्यादा उड़ानें रद्द होने के कारण लाखों यात्रियों की यात्रा बाधित हुई है और कई एयरपोर्ट्स पर अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है। यात्री असमंजस में रहे, फ्लाइट बदलने और रिफंड लेने में कठिनाइयाँ आईं, और एयरपोर्ट ऑपरेशंस पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा।
Indigo Flights Crisis: दक्षिण भारत के एयरपोर्ट्स पर सबसे ज्यादा असर
आपके डेटा के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभाव दक्षिण भारत के तीन प्रमुख हवाई अड्डों पर देखा गया—
• तिरुवनंतपुरम: कई उड़ानें रद्द
• चेन्नई: लगभग 41 उड़ानें प्रभावित
• बेंगलुरु: 58 आने वाली और 63 उड़ान भरने वाली सेवाएँ रद्द
इन बड़े हवाई अड्डों पर रद्दीकरण से यात्री कठिनाइयों में फँसे और ग्राउंड स्टाफ के लिए स्थिति संभालना चुनौतीपूर्ण हो गया।
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Indigo Flights Crisis: सरकार की सख़्ती—जांच शुरू, स्लॉट कम होने के संकेत

ऑपरेशनल संकट गंभीर रूप लेता दिखा तो केंद्र सरकार भी सक्रिय हुई।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में कहा कि इंडिगो की “गंभीर लापरवाही” की जांच शुरू हो चुकी है। उन्होंने संकेत दिया कि:
• इंडिगो के स्लॉट कम किए जा सकते हैं
• कुछ स्लॉट्स दूसरी एयरलाइंस को दिए जाएंगे
• ऐसी कार्रवाई की जाएगी जो भविष्य में मिसाल बने
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को कम से कम पाँच बड़ी एयरलाइंस की जरूरत है और यह समय नई एयरलाइंस के प्रवेश के लिए अनुकूल है।
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Indigo Flights Crisis: इंडिगो का दावा — नेटवर्क 90% बहाल, रिफंड और लगेज रिटर्न जारी
भारी आलोचना के बीच इंडिगो लगातार यह दावा कर रही है कि उसकी स्थिति सुधार रही है। एयरलाइन ने कहा है कि:
• 1800 से अधिक उड़ानें फिर से बहाल
• 90% सेवाएँ समय पर
• 827 करोड़ रुपये यात्रियों को रिफंड
• 4500+ मिसहैंडल्ड लगेज वापस
कंपनी का कहना है कि उसका नेटवर्क लगभग पुनर्स्थापित हो चुका है और आने वाले दिनों में रद्दीकरण की संख्या और कम होगी।
Indigo Flights Crisis: संकट कब खत्म होगा? अभी अनिश्चितता बरकरार
हालाँकि इंडिगो मान रही है कि हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन लगातार आठवें दिन भी 100+ उड़ानें रद्द होने का मतलब है कि स्थिति पूरी तरह स्थिर नहीं है।
आपके डेटा के अनुसार:
• प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अभी भी भारी रद्दीकरण जारी
• यात्रियों की परेशानी कम नहीं हो पा रही
• सरकार की जांच और कार्रवाई की तैयारी एयरलाइन पर दबाव बढ़ा रही है
कुल मिलाकर, यह संकट सिर्फ एयरलाइन की अंदरूनी समस्या नहीं, बल्कि देश के विमानन क्षेत्र और यात्रियों दोनों को प्रभावित कर रहा है।
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