अररिया के भ्रष्ट एडीएम की संपत्ति जांच की मांग: आरटीआई एक्टिविस्ट बोले-रिश्वत नहीं देने पर नहीं होती सुनवाई

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अररिया: बिहार विकास युवा मोर्चा के अध्यक्ष और आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसेनजीत कृष्ण ने अररिया के अपर समाहर्ता (एडीएम) राजमोहन झा पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने निगरानी विभाग के पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर राजमोहन झा की चल-अचल संपत्ति की जांच की मांग की है।

प्रसेनजीत का आरोप है कि एडीएम अपने न्यायालय में हर निर्णय रिश्वत लेकर करते हैं और जो लोग रिश्वत नहीं देते, उनके मामले बिना सुनवाई और बहस के खारिज कर दिए जाते हैं। आवेदन में प्रसेनजीत ने कहा है कि राजमोहन झा ने भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति बनाई है।

उन्होंने कुछ विशेष मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार किया गया है और इसकी गहन जांच होनी चाहिए। प्रसेनजीत ने आरोप लगाया कि एडीएम केवल कुछ विशेष वकीलों के पक्ष में ही निर्णय देते हैं। उनका कहना है कि एडीएम ने अपनी मनमानी से अररिया को “चारागाह जिला” बना दिया है, जिसे संवेदनशील समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता।

प्रसेनजीत ने एडीएम राजमोहन झा द्वारा पारित सभी निर्णयों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस जांच से झा के सभी काले कारनामे उजागर हो जायेंगे। उन्होंने अपने आवेदन की प्रतिलिपि अररिया डीएम, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजस्व विभाग के मंत्री और सचिव को भी भेजी है।
उन्होंने एडीएम पर रिश्वत लेकर निर्णय देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रथा अब खत्म होनी चाहिए। खासतौर पर एक विशेष वकील के पक्ष में निर्णय दिए जाने पर उन्होंने आपत्ति जताई है। प्रसेनजीत ने मुख्यमंत्री और निगरानी विभाग से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस मामले को लेकर आंदोलन करेंगे।

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