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पटनाः बालू के अवैध खनन में संलिप्तता को लेकर नीतीश सरकार ने 27 जनलाई 2021 को ही भोजपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे को निलंबित किया था. इसके बाद 27 जनवरी 2022 से उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई. तब से वह निलंबित ही चल रहे हैं. सरकार ने एक बार फिर से अगले 6 महीनों के लिए निलंबन अवधि में विस्तार कर दिया है. आईपीएस अधिकारी राकेश कुमार दुबे 10 जुलाई 2024 तक निलंबित रहेंगे. गृह विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है।

गृह विभाग के पत्र में कहा गया है कि राकेश कुमार दुबे के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने केस संख्या-17/ 2021 दर्ज किया था. इस केस के संबंध में अद्यतन रिपोर्ट मांगी गई .आर्थिक अपराध इकाई ने 12 दिसंबर 2023 को रिपोर्ट दिया है. जिसमें बताया गया है कि केस का अनुसंधान जारी है. अनुसंधान के क्रम में राकेश दुबे ने अपने बचाव में आवेदन दिया है. जिसमें उनके द्वारा कहा गया है की ख्याति कंस्ट्रक्शन को लोन के तौर पर 18 लाख रुपए दिए हैं. कांड के अनुसंधान के क्रम में साक्षी उर्फी मिनहाज मसाहदी ने भी अपना बयान दिया है. जिसमें कहा गया है कि राकेश कुमार दुबे द्वारा रेलवे में कार्य करने वाली कंपनी एके वॉल सॉल्यूशंस को 25 लाख रुपए कैश सूद पर दिया गया है. अब तक के अनुसंधान में अचल-चल संपत्ति, आय एवं सत्यापित खर्च का आकलन किया गया है. जिसमें केस में अंकित 90 फ़ीसदी से ज्यादा अवैध संपत्ति का मामला पाया गया है।

आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट ने कहा गया है कि राकेश कुमार दुबे को केस दर्ज होने तक वेतन एक करोड़ 6 लाख 39 हजार मिला. प्राथमिकी दर्ज करते समय उनके वेतन खाते में यानि 30 जून 2021 तक एक करोड़ 9 लाख 47000 पाया गया. इसमें नगद निकासी न के बराबर है. अभियुक्त राकेश कुमार दुबे द्वारा पुनः अपना पक्ष रखा गया है. जिसका अध्ययन किया जा रहा है. आईपीएस अधिकारी के परिजन माता एवं पत्नी के बैंक खातों एवं परिवार के अन्य सदस्यों के खातों से बड़ी राशि लेनदेन के प्रमाण मिले हैं. इसके सत्यापन के लिए वित्तीय अनुसंधान इकाई से पत्राचार किया गया है. कैसे अनुसंधान में है. शीघ्र ही साक्ष्य की समीक्षा कर अभियोजन स्वीकृति आदेश के लिए प्रस्ताव समर्पित किया जाएगा।

आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट की निलंबन समीक्षा समिति ने समीक्षा की. जिसमें पाया गया कि इस केस का अनुसंधान जारी है .राकेश कुमार दुबे के निलंबन की समीक्षा के क्रम में 15 दिसंबर 2023 को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश पर भी विचार किया गया. इसके बाद भी निलंबन से उन्हें मुक्ति नहीं दी गई. निलंबन समिति ने पाया कि केस की जांच जारी है. ऐसे में इन्हें 180 दिन तक और निलंबित रखा जाए. गृह विभाग की तरफ से 11 जनवरी को जारी पत्र में निलंबित आईपीएस अधिकारी को 10 जुलाई 2024 तक निलंबित रखने का निर्णय लिया गया है।

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