लालू परिवार पर मंडराया संकट, जाना पड़ेगा जेल ? IRCTC मामले मे CBI ने सौपें 12 गवाह!

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IRCTC घोटाला मामले में CBI ने लालू परिवार पर आरोप तय किए, 27 अक्टूबर से सुनवाई
Highlights
  • • IRCTC घोटाला केस में CBI ने लालू परिवार के खिलाफ 12 गवाहों की सूची सौंपी। • 27 अक्टूबर से विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू होगी। • लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और साजिश के आरोप। • अदालत ने 13 अक्टूबर को आरोप तय करते हुए कहा था कि लालू होटल हस्तांतरण प्रक्रिया में शामिल थे। • CBI ने 2017 में मामला दर्ज किया था, 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया। • केस का असर बिहार चुनावी राजनीति पर पड़ सकता है। • आरोपी खुद को निर्दोष बता रहे हैं, फैसले को चुनौती देने की संभावना।

बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरम है, और इसी बीच लालू परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। IRCTC घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ गवाहों की सूची अदालत में जमा कर दी है।
विशेष सीबीआई अदालत इस केस की सुनवाई 27 अक्टूबर से शुरू करेगी, जिसे राजनीतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।

CBI ने अदालत को सौंपे 12 गवाह, जारी किए नोटिस

सूत्रों के अनुसार, CBI ने लगभग दर्जनभर यानी 12 गवाहों की सूची अदालत में सौंपी है।
एजेंसी ने इन गवाहों को अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है ताकि उनके बयान जल्द दर्ज किए जा सकें।
CBI का उद्देश्य है कि गवाहों की गवाही तेज़ी से पूरी हो, ताकि मामले में किसी तरह की देरी या दोहराव न हो।
गवाहों के इस पहले चरण के बाद, एजेंसी और भी गवाहों को पेश करेगी।

13 अक्टूबर को अदालत ने तय किए थे आरोप

लालू परिवार पर मंडराया संकट, जाना पड़ेगा जेल ? IRCTC मामले मे CBI ने सौपें 12 गवाह! 1

कुछ दिन पहले ही, विशेष सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे।
अदालत ने लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी साजिश और धोखाधड़ी से जुड़े कई आरोप हैं।
तीनों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है, हालांकि सूत्रों का कहना है कि आरोपी इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं।

अदालत के अवलोकन में “प्रथम दृष्टया संलिप्तता”

13 अक्टूबर को फैसले के दौरान, विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने ने कहा था कि
“प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि लालू प्रसाद यादव होटल हस्तांतरण प्रक्रिया को जानते थे और उसमें हस्तक्षेप भी किया।”
जज ने यह भी उल्लेख किया था कि निविदा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि जमीन की कीमत जानबूझकर कम आंकी गई, और वह बाद में लालू परिवार के हाथों में पहुंच गई।

यह बयान अदालत के प्रारंभिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो लालू परिवार की भूमिका को गंभीरता से देखता है।

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CBI की जांच – कैसे हुआ था पूरा कथित खेल

CBI ने यह मामला जुलाई 2017 में दर्ज किया था।
आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी होटलों की निविदा प्रक्रिया में बदलाव कर अपने करीबियों को अनुचित लाभ पहुंचाया।
CBI के अनुसार, यह बदलाव पटना के चाणक्य और सुजाता होटलों के संचालन अधिकारों के हस्तांतरण में किया गया।

जांच के बाद अप्रैल 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया गया।
एजेंसी का दावा है कि लालू यादव ने आईआरसीटीसी अधिकारियों, अपनी पत्नी राबड़ी देवी और एक फ्रंट कंपनी के मालिकों के साथ मिलकर नियमों को ताक पर रखकर सरकारी संपत्ति के गलत हस्तांतरण को अंजाम दिया।

“नियमों को ताक पर रखकर फायदा” – आरोप गंभीर

CBI का कहना है कि इस प्रक्रिया में निविदा की शर्तों को बदला गया, जिससे संबंधित कंपनियों को सीधा फायदा हुआ।
भूमि सौदे में अनियमितता की बात भी सामने आई, जिसमें कहा गया कि जमीन की कीमत जानबूझकर कम दिखाई गई, ताकि लाभार्थियों को फायदा पहुंचाया जा सके।
इसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और सार्वजनिक संपत्ति को निजी हित के लिए इस्तेमाल किया गया।

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बिहार चुनाव के बीच लालू परिवार पर बढ़ता कानूनी दबाव

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद (RJD) चुनावी मैदान में सक्रिय है।
राजनीतिक रूप से यह सुनवाई तेजस्वी यादव के लिए भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वह पार्टी के मुख्य प्रचारक और चेहरा हैं।
अब जब 27 अक्टूबर से गवाहों की सुनवाई शुरू होगी, तो यह देखना होगा कि अदालत की प्रक्रिया किस दिशा में जाती है और इसका राजनीतिक असर क्या पड़ता है।

भ्रष्टाचार, साजिश और राजनीति – एक बार फिर सुर्खियों में लालू परिवार

CBI की ताजा कार्रवाई के बाद लालू परिवार एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में आ गया है।
भले ही अदालत का अंतिम फैसला अभी बाकी है, लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले ही यह मामला राजनीतिक तापमान बढ़ा चुका है।
अब सबकी नज़रें 27 अक्टूबर पर हैं, जब अदालत में पहले गवाहों के बयान दर्ज होंगे और IRCTC घोटाला मामले की असली सुनवाई शुरू होगी।

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