लोकसभा
नीतीश कुमार की फाइल तस्वीर
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पटनाः लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के बाद जदयू में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। इसी के तहत जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की तैयारी अंतिम चरण में है। इसमें शामिल होने के लिए पार्टी के संबंधित नेताओं को संदेश भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में 29 जून को दिल्ली में बैठक होनी है। इसको लेकर चर्चा काफी तेजी से हो रही है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। साथ ही 2025 में पार्टी किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी इस पर भी काफी चर्चा होनी की बात कही जा रही है।

लोकसभा परिणाम को लेकर भी चर्चा

लोकसभा चुनाव में आए परिणाम को लेकर भी बैठक में चर्चा होने की पूरी संभावनाएं जताई जा रही है। जदयू की बैठक में केंद्र और राज्य सरकार में पार्टी के तमाम मंत्रीगण, लोकसभा और राज्यसभा के सांसद, सभी प्रदेशों के अध्यक्ष समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शामिल होंगे जिनकी संख्या करीब सौ रहेगी। इस बैठक में केंद्र की एनडीए सरकार में पार्टी भूमिका पर भी चर्चा होगी तय मानी जा रही है। बता दें कि 2024 के आम चुनाव में जनता ने जनता दल यूनाइटेड को 12 सीट पर जीताने की काम की है। दूसरी तरफ इस आम चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है।

दिल्ली पहुंच रहे हैं पार्टी नेता

लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हो रही इस बैठक में कई अहम निर्णय लिये जाने की उम्मीद है। साथ ही लोकसभा चुनाव के परिणाम को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी। चुनाव में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन रहा है। जदयू के 12 सांसद जीत कर आये हैं। बैठक में भाग लेने के लिए पार्टी के सभी नेता 28 जून तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। इस बैठक में पार्टी के अगले अध्यक्ष को लेकर भी फैसला हो सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के साथ जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। इसलिए चर्चा है कि बैठक में नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं।

लोकसभा में एनडीए को 9 सीट का नुकसान

लोकसभा चुनाव में बिहार की बात करें तो एनडीए को 9 सीटों का नुकसान हुआ था, जिसमें से जदयू को चार सीटें गंवानी पड़ी और 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। माना जा रहा है कि कार्यकारिणी में संगठन विस्तार के साथ ही पार्टी को मजबूत करने पर विशेष चर्चा होनी है। साथ ही मौजूदा केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल पैकेज की मांग पर भी चर्चा की बात सामने आ रही है। इसके अलावा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़े प्रस्ताव भी लाए जा सकते हैं। साथ ही पार्टी को चार सीट पर मिली हार को लेकर भी मंथन की जायेगी। ताकी पता लगाया जा सके कि गलती कहा पर हुई है। उसके बाद विशेष ध्यान दिया जा सके।

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