भागलपुर, संवाददाता
भागलपुर के मायागंज अस्पताल समेत कई मेडिकल कॉलेजों में इंटर्न डॉक्टरों ने शुक्रवार को ब्लैक रिबन-डे मनाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। डॉक्टरों की मांग है कि उनका स्टाइपेंड जो फिलहाल मात्र 20 हजार रुपए है, उसे बढ़ाकर 40 हजार रुपए किया जाए।
इंटर्न डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना उन्हें 15 से 16 घंटे तक काम करना पड़ता है। नाइट ड्यूटी के बाद भी ओपीडी और इमरजेंसी में ड्यूटी करनी पड़ती है, लेकिन इसके मुकाबले उन्हें बहुत कम वेतन मिलता है। अगर हिसाब लगाया जाए तो प्रति दिन उन्हें करीब 600 रुपए मिलते हैं।
डॉक्टरों ने यह भी याद दिलाया कि बिहार सरकार ने साल 2021 में अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड का रिवीजन होगा। उस समय 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार किया गया था, लेकिन अब 4 साल बीत जाने के बाद भी कोई संशोधन नहीं हुआ है। इंटर्न डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
डॉ. नीलेश प्रकाश ने बताया कि हम लोग आज प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांगों को सरकार के सामने रखना चाहते हैं कि जो स्टाइपेंड हमारा है, मात्र ₹20,000 है, उसको बढ़ाकर ₹40,000 किया जाए। यही हमारी मांग है।
इसी के कारण हम लोग आज ब्लैक रिबन डे मना रहे हैं, जिससे हम लोग सरकार के समक्ष यह बताना चाहते हैं कि ब्लैक रिबन डे का प्रोटेस्ट हो रहा है। इसलिए हो रहा है क्योंकि हम लोगों का वेतन काफी कम है। डेली वर्किंग आवर में हमारा वेतन मात्र ₹666 है, जिसके मुकाबले हम लोगों का जो वर्किंग आवर है वह बहुत ज्यादा है।
नाइट ड्यूटी में हम लोगों को 10:00 बजे रात को, 9:00 बजे रात को ही जाना पड़ता है और सुबह 7:00 बजे आना पड़ता है। उसी सेम डे में ही हम लोगों को फिर ओपीडी और इमरजेंसी ड्यूटी भी करनी पड़ती है। जिसके मुताबिक हम लोगों का जो वर्किंग आवर होता है वह 15 से 16 घंटे का होता है।
अन्य राज्यों में भी, जैसे ओडिशा और वेस्ट बंगाल में बहुत ज्यादा स्टाइपेंड है।
भागलपुर में जूनियर डॉक्टरों ने की स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग20 से 40 हजार रुपए करने की डिमांड, न होने पर आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
